digital खाई को कम करने की और TRAI का कदम १०० Mb मुफ्त डाटा देने का

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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने देश के ग्रामीण इलाकों में 100 एमबी तक मुफ्त डाटा उपलब्ध कराने की अनुशंसा की है|

A look on data

  • ब्रॉडबैंड रिपोर्ट 2016 के मुताबिक तार वाले ब्रॉडबैंड पहुंच के मामले में भारत 187 देशों में से 132वें स्थान पर रहा जबकि बेतार ब्रॉडबैंड के मामले में उसकी स्थिति 179 देशों में 156वीं रही।
  • देश में ब्रॉडबैंड की कुल पहुंच सात फीसदी है जो 46 फीसदी के वैश्विक औसत से खासा कम है।
  • शहरी इलाकों में वायरलेस दूरसंचार की पहुंच 150 फीसदी की दर से है। इससे पता चलता है कि देश के ग्रामीण इलाकों में ब्रॉडबैंड की स्थिति कितनी कमजोर है। 

 

Why decision to allot 100 Mb free data

ताकि डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया जा सके। TRAI का कहना है कि ऐसा करने के लिए दूरसंचार नेटवर्क को यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड से सब्सिडी दी जा सकती है और इस क्षेत्र में एग्रीगेटरों को भी इजाजत दी जा सकती है बशर्ते कि विषयवस्तु के मामले में वे कोई भेदभाव न करें।

Economic viability of this move

  • राष्ट्रीय ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क समिति के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2018-19 तक देश में 2.5 करोड़ नए इंटरनेट उपभोक्ताओं की मदद से 66,465 करोड़ रुपये के आर्थिक लाभ होंगे।
  • Private companies need not fear: नेटवर्क कंपनियों को ट्राई की अनुशंसा से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए क्योंकि सब्सिडी का बोझ उनको नहीं वहन करना है। यह सरकार के यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड से आएगी।
  • Is it burdensome on government: यह सब्सिडी सरकार को भी बहुत भारी नहीं पड़ेगी। ट्राई के मुताबिक कुछ नेटवर्क ने 10 पैसे प्रति एमबी की दर से वायरलेस ब्रॉडबैंड की सुविधा देनी शुरू कर दी है। ऐसे में योजना की लागत हर उपभोक्ता पर 10 रुपये मासिक आएगी। नियामक का कहना है कि देश के ग्रामीण इलाकों में पांच से छह करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं। ऐसे में इसकी मासिक लागत 50 से 60 करोड़ रुपये होगी। हाल में डाटा की दरों में आई गिरावट के बाद यह और कम हो सकती है।

Challenge of this decision:

  • ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट फोन की कम पहुंच बड़ी बाधा बन सकती है।
  •  ट्राई खुद यह मानता है कि देश के कुल स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों में ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी बमुश्किल 20 फीसदी है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट फोन की पहुंच 25 फीसदी से भी कम है।
  • Is 100 Mb enough?: ट्राई ने यह आंकड़ा सिस्को की वर्ष 2015 की रिपोर्ट से लिया है जिसमें कहा गया था कि एक उपभोक्ता महीने में औसतन 150 एमबी डाटा खर्च करता है। इसलिए ट्राई को लग रहा है कि ग्रामीण इलाकों में मूलभूत डिजिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए 100 एमबी डाटा पर्याप्त होगा। इसमें डिजिटल वित्तीय लेनदेन भी शामिल है। 
  • Other concern: मुफ्त इंटरनेट का एग्रीगेटर मॉडल नेट निष्पक्षता के सिद्घांत का अतिक्रमण भी कर सकता है। उनका कहना है कि कुछ छोटे कारोबारियों के पास शायद इतने साधन नहीं हों कि वे एग्रीगेटर के पूल में खुद को  रजिस्टर कर सकें। ऐसे में उन्हें बड़े कारोबारियों के समक्ष नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर एग्रीगेटर भारी भरकम प्रवेश शुल्क लगाता है तो यह स्थिति पैदा हो सकती है। यह काफी हद तक शून्य रेटिंग प्लान की तरह होगा जिसे ट्राई यह कहकर ठुकरा चुका है कि वह नेट निष्पक्षता के सिद्घांत के खिलाफ है। ये चिंताएं वास्तविक हैं। योजना के ब्योरे पर काम करते हुए ट्राई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एग्रीगेटर विषयवस्तु पर किसी भी तरह की रोक न लगा सके। 

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