- आतंकवाद की समस्या से निपटने में संयुक्त राष्ट्र के ‘निष्प्रभावी’ नजर आने पर अपनी चिंता जाहिर करने के साथ ही भारत ने आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय समझौते को ‘अभियोजन या प्रत्यर्पण’ (Comprehensive Convention on International Terrorism (CCIT))के कानूनी सिद्धांतों के साथ जल्द अपनाए जाने का आह्वान किया.
- दुनिया में आतंकी हमलों के लिए मदद मुहैया कराने वाले और आतंकियों को सुरक्षित शरण देने वाले देशों को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद पर हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते में इस प्रावधान को शामिल किए जाने की मांग की है।
- आतंकवाद सबसे बड़े खतरे के तौर पर हम सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह दुनिया भर में निदरेष लोगों की जान ले रहा है। ऐसे में आतंकवाद को सही ठहराने के लिए कोई भी तर्क उचित नहीं माना जा सकता। आतंकी हमलों को मदद पहुंचाने वाले संगठन और आतंकियों का समर्थन व उन्हें शरण देने वाले देशों को अब जवाबदेह बनाने का समय आ गया है। इस जरूरत को अब और नहीं टाला जा सकता है। कोई देश इस खतरे से बचा नहीं है और न कोई अकेला देश आतंकवाद के खतरे को खत्म नहीं कर सकता।