सरकार ने बहुप्रतीक्षित मोटर यान संशोधन विधेयक 2016 को आज मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है।
- इन प्रस्तावों में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रूपए तक का जुर्माना और हिट एंड रन मामलों के लिए दो लाख रूपए का मुआवजा शामिल हैं।
- सड़क दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में 10 लाख रूपये तक के मुआवजे का प्रावधान विधेयक में किया गया है।
- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मोटर यान (संशोधन) विधेयक 2016 को मंजूरी प्रदान कर दी। सड़कों को सुरक्षित बनाने और लाखों निर्दोष लोगों की जान बचाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।’
- विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं और इसमें निर्धारित गति से तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर 1,000 से 4,000 रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- विधेयक के प्रावधानों के अनुसार बीमा के बिना गाड़ी चलाने पर 2,000 रूपये का जुर्माना या तीन महीने की जेल हो सकती है। बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 2,000 रूपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित हो सकता है।
- इस विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि किशोरों द्वारा वाहन चलाते समय सड़क दुर्घटना के मामले में वाहन मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा वहीं वाहन का पंजीकरण भी रद्द किया जाएगा। ऐसे मामले में 25 हजार रूपए का जुर्माना तथा तीन साल की सजा भी हो सकेगी।
- यातायात के उल्लंघनों पर 100 रूपए के बदले 500 रूपए का जुर्माना होगा वहीं प्राधिकारों के आदेशों का पालन नहीं करने पर न्यूनतम जुर्माना 2000 रूपए का होगा। पहले यह राशि 500 रूपए थी।
- लाइसेंस के बिना वाहन के अनधिकृत उपयोग पर पांच हजार रूपए के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर जुर्माना एक हजार रूपए से बढ़ाकर 5000 रूपए कर दिया गया है।
- वहीं नशे में गाड़ी चलाने पर 10 हजार रूपए का जुर्माना होगा।
- ओवरलोडिंग की स्थिति में 20 हजार रूपए का जुर्माना होगा। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर एक हजार रूपए का जुर्माना होगा।
- मौजूदा मोटर यान कानून में 223 उपबंध हैं और विधेयक में 68 उपबंधों में संशोधन का प्रस्ताव है। विधेयक में 28 नए उपबंध शामिल किए जाने का प्रस्ताव है।
- संशोधनों में सड़क सुरक्षा में सुधार, नागरिकों को सुविधा, ग्रामीण परिवहन को मजबूत बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर है। उन्होंने कहा कि सरकार दुर्घटनाओं और हताहतों की संख्याओं में 50 प्रतिशत तक की कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- यह विधेयक इस मायने में काफी अहम है कि भारत में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें डेढ लाख लोगों की मौत हो जाती है।