भारत के 352 प्रवासियों को वापस भेजने के लिए कनाडा 102 साल बाद भारत से माफी मांगने जा रहा है
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो बैसाखी के मौके पर घोषणा की है कि 18 मई को वह कामागाटामारू घटना के लिए माफी मांगेंगे।
क्या है कामागाटामारू घटना
जापानी भापजहाज कोमागाटामारू में 376 भारतीय प्रवासी 23 मई 1914 को वेंकूवर पहुंचे थे।
कामागाटामारू के यात्री कनाडा आने वाले दूसरे लाखों प्रवासियों की तरह बेहतर जीवन की चाह लेकर यहां पहुंचे थे। लेकिन भेतभावकारी नीति के चलते कनाडा ने उन्हें यहां से लौटा दिया।
अंग्रेजों ने 24 लोगों को उतार कर बाकी 352 प्रवासियों को जबरन वापस भेज दिया।
दो महीने बाद 27 सितंबर को जब यह जहाज कोलकाता पहुंचा तो यहां ब्रिटिश सैनिकों ने यात्रियों पर गोलियां चलाईं। इसमें 19 लोग मारे गए थे। जहाज में सबसे अधिक 340 सिख सवार थे।
इस घटना ने गदर पार्टी तथा हजारों भारतीय आप्रवासियों को भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आयोजन करने के लिए प्रेरित किया था।