- एक करार के तहत स्विट्जरलैंड सितंबर, 2018 से भारत के साथ कालेधन से जुड़ी सूचनाएं साझा करने पर सहमत हो गया है
- स्विट्जरलैंड कालेधन पर जानकारी देने को तैयार है लेकिन उसने साफ किया है कि ऐसा तभी हो पाएगा जब सूचनाओं की गोपनीयता बरकरार रखी जाए. यदि ऐसा न किया गया तो वह सूचनाओं के आदान-प्रदान को रोक देगा. उसका तर्क है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है.
- स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विभाग ने बताया है कि यह तय करने की जरूरत है कि दी गई सूचनाओं का दुरुपयोग न हो. विभाग ने कहा है कि यदि इस शर्त का पालन किया जाता है तो उसे सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में कोई परेशानी नहीं होगी.
- इससे पहले नवंबर, 2016 में हुए एक करार के तहत स्विट्जरलैंड सितंबर, 2018 से भारत को वित्तीय सूचनाएं देने पर सहमत हो गया था.
- कालेधन के खतरों से निपटने की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत वह अन्य देशों से भी सूचनाएं साझा करने वाला है. उसने पहली जनवरी 2017 से विभिन्न देशों के साथ सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नियमों को प्रभावी बना दिया है.