- दक्षिण पूर्व ईरान में स्थित चाबहार से भारत के लिए अफगानिस्तान का एक रास्ता मिलेगा जिसमें पाकिस्तान से हो कर जाने की जरूत नहीं होगी। भारत के अफगानिस्तान के साथ निकट सुरक्षा एवं आर्थिक संबंध है।
- चाबहार बंदरगाह से अफगानिस्तान का जारांज शहर 833 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग से जुड़ सकता है।
- सीमावर्ती जारांज से डेलराम के बीच हाईवे का निर्माण भारत ने किया है।
- वहां से अफगानिस्तान के चार बड़े शहर हेरात, कंधार, काबुल और मजार-ए-शरीफ हाईवे से जुड़े हैं।
भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच ट्रांसपोर्ट ऐंड ट्रैंसिट कॉरिडोर्स अग्रीमेंट होना हैI
- परियोजना के पहले चरण में भारतीय निवेश 20 करोड़ डॉलर से अधिक होगा जिसमें एक्जिम बैंक की 15 करोड़ डॉलर की लोन सुविधा शामिल है। इसके लिए भी एक समझौता इसी यात्रा के दौरान होगा। - चाबहार परियोजना-एक के लिए वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर के साथ साथ भारत, अफगानिस्तान एवं ईरान के बीच परिवहन और पारगमन गलियारे पर त्रिपक्षीय समझौते भी किया जाएगा।
- जिससे अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में बड़ा योगदान मिलेगा। इसके अलावा इससे भारत समेत अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया के बीच बेहतर क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
- समझौता तीनों देशों के साथ-साथ पूरे इलाके में लोगों और सामानों की ज्यादा आवाजाही के लिए सामरिक बांध के रूप में काम करेगा।'
चाबहार पोर्ट को अफगानिस्तान के अलावा मध्य एशिया, रूस और यूरोप तक के लिए भारत के गेटवे के रूप में विकसित किया जा रहा है।