- वैज्ञानिकों के मुताबिक, बांग्लादेश के नीचे एक भयंकर भूकंप बन रहा है। एक नए शोध में यह चेतावनी दी गई है कि यह भूकंप पूर्वोत्तर भारत के कई शहरों को बर्बाद कर सकता है।
- जर्नल में छपे शोध में वैज्ञानिकों का कहना है उनके पास दुनिया के सबसे बड़े नदी डेल्टा के नीचे की दो टेक्टॉनिक प्लेट्स के पास बढ़ते तनाव के सबूत हैं।
- उनका अनुमान है कि अगर तनाव की सीमा टूटती है तो इस क्षेत्र के कम से कम 140 मिलियन लोगों पर असर पड़ेगा।
- सिर्फ कंपन के सीधे प्रभाव से विनाश नहीं होगा, बल्कि महान नदियों के रास्तों, समुद्र तट के करीब की जमीन में व्यापक दौर पर बदलाव आ जाएगा। यह नया खतरा एक सबडक्शन जोन है। जहां पृथ्वी के क्रस्ट का एक हिस्सा, या फिर एक टेक्टॉनिक प्लेट किसी दूसरे को धक्का देती है।
- क्यों है ज्यादा खतरा : दुनिया के सबसे भयानक भूकंप इन्हीं जोन के आस-पास आते हैं। जैसे हिन्द महासागर और सुनामी, जिसने 2004 में 2,30,000 लोगों को मार डाला था। 2011 के टोहोकू भूकंप और जापान के चारों तरफ आई सुनामी 20,000 से ज्यादा को बहा लग गई थी। इसी की वजह से फुकूशिमा परमाणु आपदा भी आई थी। अभी तक पता चले सभी खतरनाक जोन समुद्र के नीचे थे, लेकिन यह भूमि के नीचे है, जिससे खतरा बढ़ जाता है।
- रिसर्चर्स के मुताबिक, भारत और हिन्द महासागर की एक बड़ी प्लेट एशिया में उत्तर-पूर्वी हिस्से पर करोड़ों-अरबों साल से धक्के मार रहे हैं। इसकी वजह से उत्तर में हिमालय बना, और 2015 नेपाल भूकंप आया जिसमें करीब 9,000 लोग मारे गए। बांग्लोदश और पूर्वी भारत को इन भूकंपों से सबसे ज्यादा खतरा होगा। गंगा और ब्रह्मपुत्र का विस्तृत डेल्टा इसकी चपेट में होगा। भूकंप का असर म्यांमार और उसके आगे भी जा सकता है -