Why in news:
दिव्यांगों से जुड़े विधेयक- नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक 2014 (राइट्स आफ पर्सन दि डिसएबिलिटी बिल- आरपीडीबी) को संसद ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।दिव्यांग व्यक्ति अधिकार वाला यह विधेयक पुराने दिव्यांग अधिनियम-1995 का स्थान लेगा। इस नए कानून से दिव्यांगों के मौलिक अधिकारों का संरक्षण हो सकेगा। यह विधेयक विकलांग लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुरूप है, जिस पर भारत ने 2007 में हस्ताक्षर किए थे।
Disabled people in India
2011 में हुई जनगणना के अनुसार भारत में दो करोड़ से ज्यादा लोग किसी-न-किसी रूप में दिव्यांग हैं। नया कानून बन जाने से तकरीबन 10 करोड़ लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
क्या है मुख्य प्रावधान
- इसमें दिव्यांगों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है
- इस विधेयक के तहत दिव्यांगों की श्रेणियों को सात से बढ़ा कर 22 कर दिया गया है। इन 22 श्रेणियों में तेजाब हमले के पीड़ितों, पर्किंसन, हीमोफीलिया, थेलेसीमिया, आटिजम, मानसिक विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल जैसी समस्याओं से पीड़ितों को भी शामिल किया गया है।
- विधेयक ने नि:शक्तजन मामलों के मुख्य आयुक्त और राज्य आयुक्तों को भी अधिक अधिकार दिए हैं, जो नियामक इकाई के रूप में काम करेंगे। केंद्र सरकार दिव्यांगता की नई श्रेणी सूची में जोड़ सकती है।
- दिव्यांग श्रेणी के लिए नौकरियों में चार फीसद आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
source: http://www.thehindu.com/multimedia/dynamic/01702/vbk-29-disability_1702501e.jpg
Analysis
- पुराने बिल के मुकाबले संशोधित विधेयक में 40 फीसद से ज्यादा दिव्यांग लोगों को नौकरी, शिक्षा और सरकारी योजनाओं में आरक्षण मिलेगा। निजी कंपनियों की इमारतों में दिव्यांगों के आने-जाने के लिए रैंप और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
- इस विधेयक से दिव्यांगों के क्षेत्र में बदलाव की नींव पड़ी है और देश अन्य विकसित देशों की तरह बराबरी पर खड़ा हो गया है।
- इस विधेयक के कानून बनने से निजी क्षेत्र में भी विशेष तौर पर सक्षम लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। सबसे महत्वपूर्ण यह कि विधेयक से सरकारी क्षेत्र में 4 प्रतिशत के आरक्षण के प्रावधान से दिव्यांग समुदाय मजबूत एवं सक्षम बनेगा।
- विधेयक में कई तरह की विकलांगताओं पर विचार किया गया है जो पहले शामिल नहीं थीं