प्रश्न :- क्या है हवाला ?हवाला कैसे कार्य करता है ? इसे रोकने के लिए कौन से कानून हैं ? भारत में हवाला की क्या स्थिति है ?

✓✓ हवाला व्यापार या लेन-देन स्वदेशी भाषा का ही एक शब्द है जिसका मतलब है बताये गए या हवाला दिए गए व्यक्ति को भुगतान करना ! इस लेन -देन में अनाधिकृत रूप से एक देश से दूसरे देश में विदेशी विनिमय किया जाता है अर्थात हवाला विदेशी मुद्रा का एक स्थान से दूसरे स्थान पर गैर कानूनी रूप से हस्तांतरण का ही नाम है इसमें सबसे अहम् भूमिकाएजेंट की ही होती है , या यूँ कह सकते है की एजेंटों के ही हवाले से यह कारोबार संचालित होता है इसीलिए इसका नाम हवाला पड़ा !

✓✓ ये पैसा लेन-देन का अवैध तरीका है जिसे हुंडी भी कहते हैं। आज की तारिख में हवाला राजनीतिक दलों और आंतकी संगठनों तक पैसा पहुंचाने का सबसे सरल तरीका है। इसके माध्यम से अवैध तरीकों से धन राजनीतिक पार्टियों और आंतकी संगठन तक पहुंचाया जाता है।

यह विदेशी मुद्रा नियमन अधिनियम (फेरा), मनी लॉन्डरिंग तथा विभिन्न कर कानूनों का भी उल्लंघन करता है , इसलिए उस कारोबार से सम्बंधित व्यक्ति से रुपया लेने का अर्थ है - अवैध रूप से प्राप्त रकम अवैध ढंग से लेनाI

- "फेरा " कानून के तहत सिर्फ अधिकृत व्यापारी के तहत देश में या देश के बाहर रकम प्राप्त की जा सकती है , परन्तु उससे बहुत से लोगों का काम नहीं चलता इसलिए वे गैर कानूनी ढंग से हवाला कारोबार के जरिये विदेशी मुद्रा प्राप्त करतें हैं ! हवाला कारोबारी विदेशी विनिमय के लेन -देन में विनिमय दरों में अंतर का लाभ लेता हैI इस असंवैधानिक अंतरण में "फेरा " का उल्लंघन होता है I

- अधिनियम की धारा-६ के अनुसार रिजर्व बैंक में इस सन्दर्भ में आवेदन किये जाने पर किसी भी व्यक्ति को विदेशी विनिमय में व्यवहार करने के लिए अधिकृत कर सकता है तथा यह अधिकार लिखित होना चाहिए व उसके माध्यम से विक्रेता को समस्त विदेशी मुद्राओं में व्यवहार करने का अधिकार भी दिया जा सकता है या केवल किन्ही विशिस्ट मुद्राओं में ही उसे अधिकृत किया जा सकता हैI

- यही बात विदेशी मुद्राओं के लेन -देन पर भी लागू होती है ! ऐसा अधिकतर किसी निर्दिष्ट अवधि अथवा किसी निर्दिष्ट राशि सीमा के अंतर्गत हो सकता है तथा अधिकृत व्यापारी को उन समस्त शर्तों के अंतर्गत कार्य करना होगा , जो ऐसा आदेश जारी करते समय रिजर्व बैंक ने निर्धारित की है "फेरा" उल्लंघन पर नकद या सजा अथवा दोनों का दंड मिल सकता है ! जुर्माने की राशि रकम की पांच गुना तक हो सकती है व सजा की अवधि सात वर्ष तक हो सकती हैI

=>हवाला व्यापार में तीन पक्ष होते हैं , और इससे तीनों पक्ष लाभान्वित होते हैं ! पहला पक्ष वह है जो हवाला लेन -देन चाहता है ! दूसरा पक्ष हवाला एजेंट होता है , जो मुद्रा का प्रबंधन करता है और तीसरा पक्ष वह है जिसे मुद्रा में भुगतान प्राप्त करना हैI

- निर्यात व्यापार में संलग्न अधिकांश कम्पनियाँ किसी न किसी रूप में हवाला व्यापार का सहारा लेती हैंI

✓✓ एक अध्यन के अनुसार भारतीय अर्थ व्यवस्था में काला धन सफ़ेद धन की तुलना में ५० से १०० गुना अधिक हैI लोग बड़े पैमाने पर "फेरा' का उल्लंघन कर रहें हैं और उन्हें सजा भुगतने का भी भय नहीं है , क्योंकि कानून बनाने वाले व कानून के संरक्षक उनके पीछे रहतें हैंI राजनेताओं और व्यापारियों के लिए काले धन को सफ़ेद करने व काली कमाई विदेशी बैंकों में जमा करने का यह सबसे उपयुक्त जरिया हैI

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