पनामा पेपर्स लीक के महज पांच महीने बाद ही अब बहामास लीक सामने आया है। इसमें सामने आई जानकारियां चौंकाने वाली हैं।
- कर चोरी के लिए दुनियाभर की एक लाख 75 हजार से ज्यादा कंपनियां, ट्रस्ट और फाउंडेशन कैरेबियाई टैक्स हेवन 'बहामास' में रजिस्टर्ड हैं। इनमें 475 भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।
- ये कंपनियां माइन्स एंड मेटल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, रियल इस्टेट, फैशन मीडिया और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हैं। इनमें से कुछ कंपनियों का नाम पनामा पेपर्स लीक में भी आ चुका है। इनमें देश के बड़े-बड़े घरानों के मालिकों का भी नाम शामिल है।
- ये नए दस्तावेज जर्मन अखबार के हाथ लगे हैं, जिसने इन्हें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट से साझा किए हैं। यह मामला भारत के लिहाज से इसलिए भी अहम हो जाता है।
- कारण, 30 सितंबर भारत सरकार की इनकम टैक्स डिस्क्लोजर स्कीम की आखिरी तारीख घोषित की है। इस स्कीम के तहत लोगों को अपनी ब्लैक मनी को 45 फीसद कर चुका कर व्हाइट मनी में बदला जा सकता है।