जानिए क्या होती है सर्जिकल स्ट्राइक, भारतीय सेना ने कब कब किये सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन

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हाल  ही में  भारतीय सेना ने एलओसी में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकियों को ढेर कर दिया। इसके साथ ही उनके समूहों को भारी नुकसान भी पहुंचाया। इस कार्रवाई को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना ने अंजाम दिया है। आइये जानते हैं क्या होती है सर्जिकल स्ट्राइक...

=>>सर्जिकल स्ट्राइक :-
◆किसी भी सीमित क्षेत्र में सेना जब दुश्मनों या आतंकियों को नुकसान पहुंचाने के लिए सैन्य कार्रवाई करती है, तो उसे सर्जिकल स्ट्राइक कहते हैं।

◆सर्जिकल स्ट्राइक में जिस इलाके में आतंकी या दुश्मन छिपे हुए हैं, सिर्फ उसी जगह को निशाना बनाया जाता है।

◆इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि आम लोगों को इससे कोई नुकसान न पहुंचे। सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए सेना के स्पेशल कमांडो दस्ते को लगाया जाता है।
◆ इस तरह के हमले में सेना की छोटी और बेहद प्रशिक्षित कमांडो की टुकड़ी के भेजा जाता है।

=>>म्यानमार में की थी सर्जिकल स्ट्राइक :-
◆10 जून 2015 को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र ने सॉफ्ट स्टेट के ठप्पे को तोड़ते हुए दूसरे देश की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमला किया। जून के पहले सप्ताह में मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने हमला किया था।

◆इसमें सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे। इसका बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा में दाखिल होकर हमला किया था। म्यांमार में हुई इस कार्रवाई के बाद से सवाल उठ रहे थे कि क्या भारतीय सेना कभी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में इस तरह की कार्रवाई करेगी। उम्मीद है कि इसका जवाब पूरी दुनिया को मिल गया होगा।

=>NSG के थे ये कमांडोज
◆म्यानमार में ऑपरेशन को अंजाम देने वाले कमांडोज नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स (NSG) के अहम हिस्सा हैं। इन्हें हाईजैक और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। जून 2000 में सियेरा लियोन में इन कमांडोज ने गोरखा राइफल्स के 200 से ज्यादा सैनिकों को बचाया था, जिन्हें विद्रोहियों ने बंदी बना लिया था।

◆श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए भेजी गई शांति सेना में भी इन कमांडोज ने अपने शौर्य का परिचय कराया था। साल 1971 में ढाका पहुंचने वाली पहली यूनिट पैरा कमांडोज की ही थी। इतना ही नहीं, साल 1999 में कारगिल युद्ध में भी इस यूनिट ने कई सफल मिशनों को अंजाम दिया था।

=>>सर्जिकल स्ट्राइक में मोसाद है नंबर वन :-
◆सर्जिकल स्ट्राइक में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का कोई जवाब नहीं है।
◆ साल 1949 में गठित हुई यह एजेंसी दुनियाभर में अभियान चलाने के लिए मशहूर है। मोसाद खुफिया सूचनाओं को इकट्ठा करने, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध और खुफिया ऑपरेशन करने में महारत हासिल है।

◆इस मामले में अमेरिकी की सीआईए, एफबीआई, रूस की खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस और इंग्लैंड की MI5 से बहुत आगे है। 
◆हालांकि, अमेरिका के नेवी सील के कमांडोज ने पाकिस्तान के एबोटाबाद में दुनिया में आतंक का पर्याय बने अल-कायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था।

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