इराक ने आईएस की खलीफत के खात्मे का ऐलान किया

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इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आईएस) के कब्ज़े से मुक्तघोषित कर दिया गया है| क़रीब 850 साल पुरानी शहर की ग्रांड अल-नूरी मस्ज़िद पर इराकी फौजों के कब्ज़े के बाद प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने एक बयान ज़ारी कर यह घोषणा की.

  • अबादी ने कहा, ‘अल-नूरी मस्ज़िद और अल-हदबा मीनार पर इराकी फौज़ों के कब्ज़े के साथ ही दैश (आईएस का ही नाम) के झूठे साम्राज्य का अंत हो गया है.
  • ’इराकी सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या रसूल ने भी सरकारी टीवी चैनल को बताया, ‘उनका काल्पनिक राज्य ख़त्म हो चुका है.’ मोसुल और वहां की अल-नूरी मस्ज़िद पर इराकी सेना के कब्ज़े को बड़ी प्रतीकात्मक जीत माना जा रहा है क्योंकि इस्लामिक स्टेट ने तीन साल पहले यहीं से इराक और सीरिया में अपने कब्ज़े वाले इलाकों पर ख़लीफा के शासन की घोषणा की थी
  • आईएस ने सीरिया के शहर रक्का के अलावा माेसुल को भी अपनी संयुक्त राजधानी बना रखा था.
  •  रक्का में भी आईएस की हालत ख़राब हो चुकी है. जानकार बताते हैं कि इस संगठन की ताक़त 60 फीसदी तक घट गई है. जबकि आमदनी 80 फीसदी तक कम हो गई है. सीरिया के एक मानवाधिकार संगठन ने बताया कि रक़्का में अमेरिका समर्थित कुर्दिश फौज़ों ने आईएस के लड़ाकों को चारों तरफ से घेर लिया है. उनके भाग निकलने का एक रास्ता शहर के दक्षिण तरफ बचा था उसे भी बंद कर दिया गया है.

जानकारों का मानना है कि अब भी आईएस का कब्ज़ा कई इलाक़ों में बना हुआ है. इसीलिए इस सुन्नी आतंकी संगठन का इराक और सीरिया से पूरी तरह सफाया होने में वक़्त लग सकता है.

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