Despite note ban FICN (Fake Indian Currency Notes) is on rise and India have to take tough legislative measures.
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केंद्र और राज्य सरकारों के भरपूर प्रयासों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले जाली नोटों का कारोबार (FICN) लगातार बढ़ता जा रहा है। देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से सरकार ने 2.55 करोड़ रुपए मूल्य के नकली नोट जब्त किए हैं।
- स्पष्ट है कि केंद्र सरकार द्वारा 8 नवम्बर 2016 को देश में काला धन और नकली करंसी(FICN) समाप्त करने के लिए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करके 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए जाने के बावजूद नकली करंसी का कारोबार थमा नहीं जो पिछले मात्र तीन सप्ताह के दौरान नई और पुरानी नकली करंसी की बरामदगी से स्पष्ट है:
- देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से अब तक वे 10 लाख रुपए के नकली नोट छाप कर मध्य प्रदेश के जबलपुर, सागर और कटनी में खपा चुके थे। इनके कब्जे से 2 लाख रुपए के नकली नोट, स्कैनर व कलर प्रिंटिंग मशीन बरामद की गई।
नोटबंदी लागू करते समय सरकार ने दावा किया था कि इससे देश में छिपा हुआ काला धन बाहर निकालने और नकली करंसी समाप्त करने में सहायता मिलेगी परंतु उक्त दावा गलत ही प्रतीत होता है। आई.बी. के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान और बंगलादेश से नकली नोटों की खेप नेपाल और पश्चिम बंगाल के रास्ते भेजी जा रही है और सरहद पार अभी भी नकली भारतीय करंसी छापने वाले कारखाने काम कर रहे हैं जहां से नए नकली नोट भी बाजार में पहुंचने लगे हैं। नकली करंसी के रूप में समांनातर अर्थव्यवस्था चलाना देशद्रोह से कम नहीं है। अत: केंद्र सरकार नकली करंसी के व्यापारियों को कठोरतम दंड का प्रावधान करके जितनी जल्दी इस पर लगाम लगा पाएगी देश की अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा।