- रक्षा मंत्रालय सेना की तीन नई एकीकृत कमानें बनाने की तैयारी में है , जिनका काम अंतरिक्ष, साइबरस्पेस और गुप्त युद्धों के लिए किया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी सेना के ही टू-स्टार जनरल के कंधों पर ही होगी।
- सबसे पहले डिफेंस साइबर एजेंसी (DCA) बनाई जाएगी। इसके बाद डिफेंड स्पेस एजेंसी (DSA) और फिर स्पेशल ऑपरेशंस डिविजन (SOD) की संरचना होगी। वायुसेना के एयर चीफ मार्शल के साथ-साथ चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन अरूप राहा के मुताबिक, आने वाले सालों में जब तक पूरी तरह से तीनों सेनाओं की संरचना तैयार नहीं हो जाती है, तब तक के लिए अंतरिम व्यस्था बनाई जाएगी।
- स्पेशल ऑपरेशंस डिविजन के लिए आर्मी, नेवी और एयरफोर्स अपनी स्पेशल फोर्स का इस्तेमाल करेगी, लेकिन तीनों सेनाओं से मिलाकर खास तौर पर एक 'सेंट्रल पूल' बनाया जाएगा। इसे गैर-पारंपरिक युद्धों की तकनीकों से लैस किया जाएगा और हर तरह की मॉडर्न विशेषज्ञता मुहैया कराई जाएगी।
- अब तक भारत के पास सिर्फ दो एकीकृत कमान रही हैं। पहली अंडमान ऐंड निकोबार कमांड थी, जिसे 2001 में बनाया गया था और 2003 में भारत की न्यूक्लियर प्रणाली को चलाने के लिए दूसरी स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड बनाई गई थी।
- अब भारत को महसूस हो रहा है कि अंतरिक्ष, इंटरनेट और गुप्त वॉरफेयर का सामना करने के लिए भी भारत के पास विशेषज्ञ कमानें होनी चाहिए, जो किसी भी परिस्थिति में स्थिति संभाल सकें और दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दे सकें।