- आतंकवाद रोधी बल नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी) के कमांडो अब डोगो रोबोट, 3डी रडार और ड्रोन की मदद से आतंकी हमलों को नाकाम करेंगे। आतंकी हमलों के बदलते स्वरूप को देखते हुए एनएसजी को अत्याधुनिक हथियार और गैजेट्स मुहैया कराए गए हैं।
- स्पेशल वीपंस एंड टैक्टिक्स (स्वाट) टीम को इसके अलावा इजरायल, अमेरिका और इटली निर्मित स्नाइपर राइफल व पिस्टल से भी लैस किया गया है। पठानकोट और 2008 के मुंबई आतंकी हमले से सबक लेते हुए एनएसजी को बेहतर तकनीक और हथियार मुहैया कराने का निर्णय लिया गया था।
- ब्लैक कैट्स कमांडो को जर्मनी निर्मित पीएसजी-1 ए1 स्नाइपर राइफल दी गई है। यह पीएसजी-1 का उन्नत संस्करण है। टेलीस्कोप से लैस इस राइफल में एक समय में 20 राउंड कारतूस लोड किए जा सकते हैं।
- एनएसजी को म्यूनिशन लांचर सिस्टम नामक ड्रोन भी मुहैया कराया गया है। सफेद रंग का यह ड्रोन 38 एमएम के दो ग्रेनेड ले जाने में सक्षम है। रिमोट कंट्रोल के जरिये दूर से संचालित होने वाले इस ड्रोन में खुफिया कैमरे भी लगे हैं, जिसकी मदद से शत्रु को तबाह करने के अलावा उसके बारे में पूरी जानकारी भी हासिल की जा सकेगी।
- डोगो रोबोट करेगा आतंकियों को तबाह एनएसजी की टीम में सबसे खतरनाक और अत्याधुनिक हथियार इजरायल निर्मित डोगो रोबोट है। साढ़े ग्यारह किलो वजनी यह रोबोट आतंकियों के ठिकाने में घुसकर कमांडो को कैमरा फीड के जरिये उसकी स्थिति के बारे में सटीक जानकारी देने में सक्षम है।
- इतना ही नहीं डोगो अत्याधुनिक ग्लोक पिस्टल से भी लैस है। यह एनक्रिप्टेड (कूट भाषा) ऑडियो के जरिये संदेश भी भेज सकेगा। एंटी हाइजैकिंग अभियान में इस्तेमाल होने वाले एक रोबोट की कीमत 76 लाख रुपया है। इसका नाम अर्जेंटाइन मैस्टिफ नामक शिकारी कुत्ते के नाम पर रखा गया है
- 3 डी रडार भी होगा एनएसजी टीम के पास अब 2 डी के बजाय 3 डी रडार होगा। यह 20 मीटर मोटी दीवार के पार की जानकारी देने में सक्षम है। चौदह किलोग्राम वजन वाले इस रडार की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है। इसके अलावा ब्लैक कैट्स कमांडो को अत्याधुनिक इतालवी राइफल भी मुहैया कराई गई है, जिसकी मदद से गेट को तोड़ना आसान होगा।