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मध्य पूर्व में सक्रिय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) पाकिस्तान के रास्ते दक्षिण एशिया में पैर जमाने में सफल होता दिखाई दे रहा है|
- वाशिंगटन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिहादी विचारधारा से प्रेरित पाकिस्तान के समूह और युवा आईएस उस संगठन का हिस्सा बन रहे हैं, जिसे दक्षिण एशिया के लिए वलायत-ए-खुरासान (आईएस-के) नाम से जाना जाता है. इससे निपटने के प्रति पाकिस्तान सरकार और सेना की नीति पर सवाल उठ रहे
- रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने मेडिकल की इस छात्रा को लाहौर में एक चर्च पर आत्मघाती हमला करने से पहले गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, बाद में उसे बगैर किसी सख्त सजा के छोड़ दिया गया. इसके पीछे सेना के अधिकारियों की दलील थी कि तकनीकी तौर पर उसने कोई गलती ही नहीं की थी क्योंकि उसे आत्मघाती धमाका करने से पहले ही पकड़ लिया गया था, जबकि इस लड़की ने खुद माना था कि वह चर्च में हमला करने वाली थी.
- राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में पाकिस्तानी अधिकारियों की संकीर्ण सोच को जाहिर करता है.
- अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा, ‘पाकिस्तान में अलकायदा से लेकर आईएस तक सभी आतंकी मौजूद है. यह देश की नीति का ही हिस्सा है, जो पाकिस्तान को इस्लामिक शर्तों में परिभाषित करता है, जिहाद को महिमामंडित करता है और आतंकवाद की इजाजत देता है.