आधी सदी बाद म्यांमार की संसद में लोकतंत्र का परचम

- म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार के गठन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। आधी सदी के बाद 2 फरवरी को पहली बार जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने संसद की सदस्यता ग्रहण की। आंग सान सू की की पार्टी नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) को पिछले साल हुए चुनाव में तकरीबन अस्सी फीसद सीटें मिली थीं।
- उल्लेखनीय है आम चुनाव में आंग सान सू की के नेतृत्व में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है। एनएलडी से यू जोन लाल टान ने उच्च सदन के पहले सत्र की अध्यक्षता संभालते हुए उच्च सदन के कुल 223 सदस्यों को

=>विस्तार से :-
- अप्रैल तक वर्ष 1962 के बाद म्यांमार में पहली बार लोकतांत्रिक सरकार अस्तित्व में आ जाएगी। म्यांमार के सैन्य शासक ने संविधान में बदलाव कर एक चौथाई सीटें सेना के लिए आरक्षित कर दी हैं।

- इसका मतलब यह हुआ कि नई सरकार में भी सेना की भागीदारी बरकरार रहेगी। इस महीने के अंत में राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। राष्ट्रपति के चयन के साथ ही अप्रैल में सरकार का गठन हो जाएगा। एनएलडी की ओर से अभी तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।

- *** संसद की पहली बैठक म्यांमार के इतिहास की तीसरी महत्वपूर्ण घटना होगी। एनएलडी के नवनिर्वाचित सांसद प्योन चो ने बताया कि वर्षों के बाद जनता द्वारा चुनी गई संसद अस्तित्व में आई है।

- संसदीय चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बावजूद सू की म्यांमार की राष्ट्रपति नहीं बन पाएंगी। संविधान के मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक देश के वैसे नागरिक जिसके पति या पत्नी या फिर बच्चे विदेशी हैं, वे इस पद के योग्य नहीं होंगे।

- चुनाव जीतने के बाद शांति के नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा था कि वह राष्ट्रपति से ऊपर होंगी। 

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