ब्रिक्स’ से ‘ब्रिक्स प्लस’

  • चीन ब्रिक्‍स का विस्तार करके उसे ​’ब्रिक्स प्लस’ बनाना चाहता है.
  • चीन के विदेश मंत्री वांग यी का कहना है कि इस साल सितंबर में वहां होने वाले ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में उसे विकासशील देशों का सबसे प्रभावशाली मंच बनाने के लिए संगठन के विस्तार की ​कोशिश की जाएगी.
  • ब्रिक्स में अभी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं.
  • अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार चीन के इस प्रयास को ब्रिक्स में भारत का प्रभाव कम करने की कोशिश मान रहे हैं.
  • चीन ‘ब्रिक्स प्लस’ में पाकिस्तान, श्रीलंका और मेक्सिको जैसे अपने करीबी देशों को शामिल कराना चाहता है ताकि इसमें उसका प्रभाव बढ़े. इसलिए माना जा रहा है कि भारत उसकी इस योजना का शायद ही समर्थन करे. 

चीन की इस योजना से सबसे ज्यादा भारत की संभावनाएं प्रभावित होंगी. विस्तार के बाद यह संगठन अपना ‘फोकस’ खो सकता है और हो सकता है कि तब यह विकास जैसे मुद्दों के बजाय चीन का राजनीतिक मंच बनकर रह जाए. इसलिए भारत इस प्रस्‍ताव का विरोध कर सकता है

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