✓✓ एक दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय में चीन सरकार ने अपनी विवादास्पद “एकल-संतान नीति” को समाप्त करने की घोषणा की जिसके अंतर्गत चीनी दम्पत्ति सामान्य स्थितियों में एक से अधिक संतान नहीं रख सकते थे।
- यह नीति 1978 में वर्ष शुरू की गई थीI
✓✓ चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी ने बीजिंग में आयोजित अपनी चार-दिवसीय बैठक के बाद 29 अक्टूबर को इस सम्बन्ध में घोषणा की कि देश में जनसंख्या नीति से सम्बन्धित “एकल-संतान नीति” को अब समाप्त कर दिया जायेगा। इस अहम घोषणा के अनुसार अब चीनी दम्पत्ति दो संतानें पैदा कर सकेंगे।
✓✓यह अत्यंत विवादास्पद नीति वर्ष 1978 में सबसे पहले लागू की गई थी जबकि आधिकारिक तौर पर इसे 8 सितम्बर 1980 को अपनाया गया था।
✓✓इस नीति को चीन में उस समय जनसंख्या विस्फोट की स्थितियों में तैयार कर लागू किया गया था क्योंकि 70-80 के दशक में चीन में शिशु मृत्यु दर में कमी आने तथा जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) बढ़ने के चलते जनसंख्या वृद्धि की दर काफी तेज हो गई थी।
✓✓हालांकि यह भी सही है कि यह नीति उतनी सख्त नहीं रही जितनी पहली नजर में दिखती है क्योंकि इसमें तमाम वर्गों को अपवाद के रूप में इस नीति से छूट भी प्रदान की गई थी।
✓✓उदाहरण के लिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले चीनी नागरिकों, कुछ अल्पसंख्यक वर्गों, आदि को इस नीति की परिधि से बाहर रखा गया था।
✓✓इस नीति को मुख्यत: चीन के शहरी इलाकों में लागू किया गया था तथा नीति का अनुसरण न करने पर आर्थिक दण्ड तथा तमाम सुविधाओं में कमी जैसे प्रावधान किए गए थे।
✓✓लेकिन मौजूदा दौर में चीन वृद्ध लोगों की बढ़ती जनसंख्या, तीव्र लैंगिक असमानता (gender imbalances) तथा कामगारों (workforce) की घटती संख्या जैसी समस्याओं से गुजर रहा है तथा इसे देखते हुए देश में 2013 में एकल-संतान नीति को सीमित करने के प्रयास शुरू किए गए थे।
✓ अब इसको आगे बढ़ाते हुए देश में इस विवादास्पद नीति को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।