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- चीन दुनिया में अपनी सैन्य शक्ति का तेजी से विस्तार करने में लगा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार उसने अफ्रीकी देश जिबूती में अपना पहला नौसैनिक अड्डा चालू करने के लिए सैनिकों को रवाना कर दिया है.
- हिंद महासागर के उत्तर-पश्चिम किनारे पर बसे जिबूती में चीन के सैन्य ठिकाने को भारत को घेरने की ‘स्टिंग ऑफ पर्ल्स’ नाम की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
- इसके तहत चीन बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका सहित अन्य देशों में सैन्य ठिकाने और संपत्तियां विकसित कर भारत को घेरना चाहता है.
Military base of china in Indian ocean
चीन ने जिबूती में सैन्य ठिकाना बनाने का काम पिछले साल शुरू किया था. हालांकि चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने इससे इनकार किया है कि यह सैन्य ठिकाना है. उसके मुताबिक यह अफ्रीका और पश्चिम एशिया में मार्गों की रक्षा करने के अलावा शांति सैनिक और मानवीय सहायता उपलब्ध कराने में मदद करने वाला ठिकाना है. वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग का कहना है कि इससे चीन, अफ्रीका और वैश्विक स्तर पर शांति कायम करने में ज्यादा कारगर भूमिका निभा पाएगा.
उधर, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि यह चीन का सैन्य अड्डा ही है, जो उसने अपनी सुरक्षा पुख्ता करने के लिए बनाया है, न कि दुनिया को नियंत्रित करने के लिए. चीन द्वारा अन्य देशों में ऐसे सैन्य अड्डे विकसित करने की संभावना जताई जा रही है. पिछले महीने अमेरिकी रक्षा विभाग ने संसद में पेश अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा था कि चीन भविष्य में पाकिस्तान जैसे उन तमाम मुल्कों में सैन्य ठिकाने बना सकता है, जिनके साथ उसकी मित्रता है.