सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत कुछ समय तक वीटो पावर छोड़ने को तैयार

In news:

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगर भारत को स्थायी सदस्यता मिलती है तो वह कुछ समय के लिए वीटो पावर (किसी प्रस्ताव को रोकने या निषेध का अधिकार) को छोड़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधारों का रास्ता प्रशस्त करने के लिए भारत की ओर से यह पेशकश की गई है.

  1. भारत ही नहीं सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की दावेदारी जता रहे जापान, जर्मनी और ब्राजील ने भी इसी तरह की पेशकश की है. इस आशय का फैसला मंगलवार को इन देशों के प्रतिनिधियों की एक बैठक में हुआ है. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने संयुक्त बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के करीब-करीब सभी सदस्य देश सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि चाहते हैं.
  2. जी-4 सदस्यों (भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान) ने कहा है, ‘हमें लगता है कि सुरक्षा परिषद में सिर्फ अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला. इससे स्थायी और अस्थायी सदस्यों के बीच खाई और बढ़ ही जाएगी. ऐसे में, हम यह अच्छी तरह जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की दिशा में आगे बढ़ने का इसके अलावा (वीटो पावर छोड़ने का) कोई और रास्ता नहीं है. लिहाजा, हम संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में इस नवाचार के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.’
  3. ‘नए स्थायी सदस्यों के पास अधिकार और दायित्व सैद्धांतिक रूप से तो पुराने सदस्यों की तरह ही होंगे, लेकिन वे अपनी वीटो पावर का तब तक इस्तेमाल नहीं करेंगे, जब तक किसी मसले या निर्णय की गहन समीक्षा के बाद उस पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता.’ इन देशों ने साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि ‘वीटो पावर एक अहम मुद्दा है, लेकिन सिर्फ इसी एक मसले को आधार बनाकर सुरक्षा परिषद के पुराने सदस्य इस अहम संस्था में सुधार की प्रक्रिया पर वीटो न लगाएं.’

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download