भारत और रूस : सहयोग के 70 वर्ष

- भारत और रूस की कूटनीतिक दोस्ती के 70 वर्ष पूरे हो गए हैं। आपमें से बहुत से लोगों को शायद नहीं पता होगा कि 1946 में अक्टूबर के महीने में तत्कालीन सोवियत संघ सरकार ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को एक चिट्ठी लिखी थी और ये इच्छा जताई थी कि सोवियत संघ भारत के साथ मित्रता पूर्ण रिश्ते बनाना चाहता है। हालांकि तब ना तो जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और ना ही भारत आज़ाद हुआ था। 

-भारत और रूस के बीच सामरिक रिश्ते की गहराई को समझने के लिए आपको इतिहास के पन्ने भी पलटने होंगे।

- अमेरिका के साथ जो रिश्ते आज आपको दिखते हैं, वो इतिहास में इतने मधुर नहीं थे। क्योंकि अमेरिका ने हमेशा भारत के दुश्मन पाकिस्तान का ही साथ दिया है। अमेरिका भारत को नए और आधुनिक हथियार या तकनीक देने के लिए कभी तैयार नहीं हुआ।

- लेकिन, रूस भारत को आधुनिक हथियार देने के साथ साथ तकनीक भी देता है और भारत में उसका उत्पादन भी करता है। रूस-भारत को अंतरिक्ष, मिसाइल, आधुनिक फाइटर प्लेन और परमाणु तकनीक सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मदद दे रहा है। और ये मदद वो पहले भी देता रहा है।

- जब भारत इन्फ्रस्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत कमजोर स्थिति में था, तब सोवियत संघ ने ही भारत में स्टील प्लांट लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भिलाई में स्टील प्लांट रूस के सहयोग से ही बना है। जब 1974 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया तब भी अमेरिका समेत कई विकसित देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिए।

- लेकिन संकट की ऐसी घड़ी में भी रूस भारत के साथ खड़ा रहा। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में दुनिया के ज्यादातर शक्तिशाली देश पाकिस्तान के पक्ष में खड़े थे। अमेरिका ने तो भारत के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए अपने जंगी जहाज़ भी भेज दिए थे। 

- ऐसे वक्त में सोवियत संघ ही भारत के साथ मज़बूती से खड़ा रहा। 1971 में सोवियत संघ ने अपना युद्धपोत भारतीय सेना की सुरक्षा के लिये रवाना कर दिया था और जैसे ही ये ख़बर अमेरिका को मिली, उसने अपनी सेना को आगे बढ़ने से रोक दिया और भारत की शानदार जीत हुई। जिसके बाद बांग्लादेश बना।

BRICS सम्मलेन हेतु रुसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा :-

- भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण सामरिक समझौते हुए। 
- दोनों देशों के बीच कुल 18 समझौते हुए। 
-रूस के सहयोग से Kudan-kulam nuclear power plant की तीसरी और चौथी यूनिट का निर्माण किया गया है।


-भारत रूस से लंबी दूरी तक मार करने वाले S-400, air defence missile system को खरीद रहा है।  
-इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का नाम है ‘Triumf’
-इसे दुनिया का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम माना जाता है और भारत रूस से ऐसे 5 सिस्टम खरीद रहा है। 
इसके अलावा भारतीय नेवी के लिए War-Ships बनाने को लेकर रूस से समझौता हुआ। 
-दोनों देशों के बीच Kamov 226T हेलीकॉप्टर्स के संयुक्त रूप से निर्माण पर भी समझौता हुआ है। 
-ये हेलीकॉप्टर्स बहुत ही ताकतवर और हल्के हेलीकॉप्टर माने जाते हैं, और इनका सेफ्टी स्टैंडर्ड बहुत ज्यादा होता है। 
-ये हेलीकॉप्टर्स चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स की जगह लेंगे।  आपको बता दें कि चेतक और चीता हेलीकॉप्टर फ्रांस से लिए गये थे।

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