India recently decided to send back rohingyas back to Mayanmar.
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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भारत द्वारा रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस Mayanmar.भेजे जाने की संभावना पर चिंता जताई है. एंटोनियो गुटेरेस के उपप्रवक्ता फरहान हक ने कहा है, ‘निश्चित तौर पर हम शरणार्थियों के साथ इस व्यवहार पर चिंतित हैं. किसी शरणार्थी का पंजीकरण होने के बाद उसे जोखिम वाले देश में नहीं भेजा जा सकता.’ उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज (UNHCR) भारत सरकार से बात करेगा.
Response in relation to
- भारत ने अपने यहां अवैध रूप से रहने वाले 40,000 Rohingya मुस्लिम शरणार्थियों को वापस भेजने की बात कही थी.
- केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा था, ‘UNHCR’ Rohingya मुस्लिमों का पंजीकरण कर रहा है. हम उसे नहीं रोक सकते, लेकिन भारत ने शरणार्थी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.’ उन्होंने आगे यह भी कहा था कि भारत अपने यहां रहने वाले अवैध प्रवासियों को लेकर चिंतित है, सभी रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस भेजा जाएगा, चाहे वे यूएनएचसीआर में पंजीकृत हैं या नहीं. इस पर एंटोनियो गुटेरेस के उपप्रवक्ता ने कहा, ‘सिद्धांतों के अनुसार आप (भारत) शरणार्थियों को ऐसे किसी देश में नहीं भेज सकते, जहां उनके जीवन और आजादी को उनकी जाति, धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता, किसी समूह या राजनीतिक विचार से जुड़ाव के आधार पर खतरा हो.’
Who are Rohingya
रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार के रखाइन क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन म्यांमार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानता. म्यांमार की दलील है कि ये लोग मूल रूप से ‘बांग्लादेशी’ हैं. इसलिए इन्हें बांग्लादेश चले जाना चाहिए. फिलहाल, यह समुदाय ‘नागरिकता-विहीन’ स्थिति में भटक रहा है. वहीं, म्यांमार में रहने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों को हिंसा का भी सामना करना पड़ रहा है