रूस और जापान के बीच कुरिल द्वीप को लेकर छिड़े विवाद को सुलझाने की एक और कोशिश का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका.
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे के बीच जापान के नगाटो में आयोजित दो दिवसीय बैठक में कई आर्थिक समझौते हुए. लेकिन, कुरिल द्वीप को लेकर बड़ी सफलता नहीं मिल सकी. हालांकि, दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में इस द्वीप पर संयुक्त आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमति जरूर जताई गई है.
- बैठक के बाद जापान ने कहा कि बीती बातों को भुलाकर दोनों पक्षों के लिए सम्मानजनक हल निकालने की पहल होनी चाहिए. जापान के अनुसार इसे सुलझाने के लिए कदम उठाना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां दुखी न हों.
- हालांकि, इस मामले में व्लादिमीर पुतिन की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. बैठक के बाद पुतिन ने बस इतना कहा कि आर्थिक सहयोग बढ़ने से दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
=> कुरिल द्वीप के बारे में कुछ तथ्य :-
- -कुरिल द्वीप प्रशांत महासागर के पश्चिमी किनारे पर स्थित है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही यह दोनों देशों के बीच विवाद की वजह बना हुआ है.
- दूसरे विश्व युद्ध के अंत में रूसी सेना ने इस द्वीप पर कब्जा कर लिया था और वहां बसे 17,000 जापानियों को भगा दिया था.
- जापान का एक तबका रूस से इसे पूरी तरह लौटाने की मांग कर रहा है.s
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