**संभावित प्रश्न:- =>"सिल्क रोड क्या है? सिल्क रूट का महत्व क्या है? चीन की इसके पीछे रणनीति क्या है? इसका सामरिक महत्व क्या हो सकता है?
- प्राचीन समय के प्रमुख व्यापारिक मार्ग सिल्क रोड से होते हुए चीन से पहली बार ट्रेन ईरान की राजधानी तेहरान पहुंची।
- इस मालगाड़ी में चीन उत्पादित वस्तुएं लदी थी। 32 डिब्बों वाली यह ट्रेन चीन के झेजियांग प्रांत के ईऊ शहर से रवाना हुई थी।
**10,399 किलोमीटर का सफर तय कर यह ट्रेन 14 दिनों में तेहरान पहुंची। इस दौरान यह कजाखिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होकर भी गुजरी। प्राचीन सिल्क रोड भी इसी रास्ते से होकर गुजरता था।
- यह मालगाड़ी फिलहाल महीने में एक बार चीन से ईरान के बीच चलेगी और अगर जरूरत हुई तो इसकी आवाजाही को ओर बढ़ाया जा सकता है।
** ज्ञातव्य रहे कि भविष्य में इस ट्रेन को यूरोप तक चलाए जाने की योजना है।
=>"सिल्क रोड क्या है?
सिल्क रोड एक प्राचीन व्यापारिक रास्ता था, जिससे चीन के सिल्क का व्यापार भूमध्यसागर से एशिया तक होता था।
- अब चीन की योजना उस रुट को फिर से शुरू कर यूरोप के बाजार तक अपनी पहुंच बनाने की है।
=>इस रूट का महत्व :-
१. इस ट्रेन सेवा के शुरू होने के कारण चीन से ईरान तक माल यातायात में तीस दिनों की कमी आएगी। समुद्री मार्ग के जरिये चीन के शंघाई से ईरान के बांदर अब्बास बंदरगाह पहुंचने में जितना समय लगता है, उसमें ट्रेन के माध्यम से तीस दिनों की कमी आएगी।
२., ईरान का एक तिहाई से ज्यादा का विदेश व्यापार चीन से होता है। जबकि चीन, ईरान का सबसे बड़ा तेल आयातक है।
३. सामरिक और रणनीतिक महत्व
४. चीन की ढलती अर्थव्यवस्था में उत्प्रेरक का काम करेगी
५. नए रोजगारों का सृजन
६. पर्यटन गतिविधियों में बढ़ोत्तरी
७. मध्य एशिया के देशों तक पहुँच
८. चीनियों के लिए यह रिश्ता रणनीतिक महत्व का है. यह गलियारा चीन को मध्यपूर्व और अफ़्रीका तक पहुंचने का सबसे छोटा रास्ता मुहैया कराएगा, जहां हज़ारों चीनी कंपनियां कारोबार कर रही हैं.
९. वर्तमान में मध्यपूर्व, अफ़्रीका और यूरोप तक पहुंचने के लिए चीन के पास एकमात्र व्यावसायिक रास्ता मलक्का जलडमरू है. यह लंबा होने के आलावा युद्ध के समय बंद भी हो सकता है.
=>पृष्ठभूमि :-
- चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले महीने हुई तेहरान यात्रा चीन के किसी राष्ट्रपति की 14 साल बाद हुई पहली यात्रा थी, जो ईरान से आर्थिक प्रतिबंध हटने के अगले दिन हुई थी।
- इस यात्रा में चीन और ईरान के बीच व्यापार को अगले 10 साल में 600 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने पर सहमति बनीं थी, जो अभी 50 बिलियन डॉलर के करीब है।
- सिल्क रोड को पुनर्जीवित कर दोनों देशों के बीच मालगाड़ी चलाना उसी योजना का हिस्सा है।