- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रम आधारित कपड़ा क्षेत्र (टेक्सटाइल) में रोजगार सृजन, विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए रियायतों को मंजूरी दे दी।
- इसके अलावा प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (टफ्स) के जरिए पूंजीगत सब्सिडी को जोड़ते हुए उत्पादन प्रोत्साहन भी शुरू किया जाएगा।
- कपड़ा और परिधान निर्यात को प्रोत्साहन के लिए श्रम कानूनों के सरलीकरण जैसे कई और उपाय किए गए हैं।
- इसमें निश्चित अवधि का रोजगार और ड्यूटी ड्रॉबैक का विस्तार शामिल है।
- वित्त वर्ष 2015-16 में कपड़ा निर्यात 40 अरब डॉलर रहा था, जो 47.5 अरब डॉलर के लक्ष्य से काफी कम है।
- कृषि के बाद कपड़ा क्षेत्र सबसे बड़ा नियोक्ता है। इस क्षेत्र का औद्योगिक उत्पादन में 14 फीसदी और सकल घरेलू उत्पाद में 4 फीसदी का योगदान है।
=>तीन वर्षों में प्रभाव
इससे तीन वर्षों में निम्नलिखित प्रभाव पड़ने की संभावना है:
- निर्यात में 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि
- रोजगारों की संख्या में 12.25 लाख की वृद्धि
- निवेश में 7 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि