नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा हो रही नकदी पर निगरानी रखने और इसमें से कर चोरों को ढूंढ निकालने के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा में आयकर संसोधन विधेयक पेश किया है।
- नोटबंदी के बाद रोज रोज आ रहे सरकार के नए नए नियमों के बीच यह जानना जरूरी है कि इस बिल के क्या मायने हैं और कौन कौन इसके दायरे में आएगा। सरकार की मंशा है कि टैक्स चोरी करने वाले या दूसरों के खाते में अपनी अघोषित आय जमा करके बचने का प्रयास कर रहे लोगों पर लगाम कसी जाए। इसी को देखते हुए सरकार लोकसभा में आयकर संसोधन विधेयक लेकर आई है।
महत्वपूर्ण बातें ...
1. बिल के तहत बैंक में 2.5 लाख रुपये से अधिक की अघोषित आय या 2.5 लाख जमा करने वाले लोगों से पूछताछ की जा सकती है।
2. इनमें वो सभी खाता धारक आएंगे जिन्होंने 9 नवंबर के बाद बैंक में अपनी रकम जमा कराई है और उसका पुख्ता हिसाब उनके पास नहीं है।
3. बिल के तहत आय के बारे में संतुष्टिपरक जानकारी न देने वालों पर 30 फीसदी टैक्स, 10 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा।
4. इसके अलावा सरकार 33 फीसदी के करीब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण सेस भी लेकर आई है जो इस रकम पर लगाया जाएगा
5. इसका मतलब सरकार अघोषित आय रखने वालों पर कुल 73 फीसदी के करीब टैक्स लगाएगी।
6. इसके अलावा बची रकम का मात्र 25 फीसदी ही बैंक से निकाला जा सकेगा
7. जबकि बची 25 फीसदी को चार साल के लिए बैंक में छोड़ना पड़ेगा जिस पर शून्य ब्याज मिलेगा।
8. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना सेस के तहत प्राप्त रकम को ग्रामीण इलाकों में विकास कराने पर खर्च किया जाएगा।
9. जनधन खातों में जमा रकम पर सरकार का विशेष ध्यान है इसलिए इन खातों में जमा की गई भारी रकम पर सरकार विशेष निगरानी बरतेगी
10. सरकार ने इस बिल को लोकसभा में मनी बिल के रूप में पेश किया है ताकि इसे राज्यसभा में न अटकना पड़े।