नो डिटेन्शन पॉलिसी ख़त्म
- पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में किसी बच्चे को फेल ना करने की पॉलिसी पर सरकार ने पुनर्विचार का फैसला कर लिया है. अब पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद ही बच्चों को आगे की कक्षा में भेजा जायेगा.
- सरकार इस मसले को संसद में लेकर जायेगी. अगर संसद ने भी इसपर अपनी सहमति दे दी तो ‘राइट टु एजुकेशन’ एक्ट में संशोधन कर ‘नो फेल’ पॉलिसी को बदला जायगा.
- इस संशोधन के बाद बच्चों को पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में ‘अप टु द मार्क’ प्रदर्शन करना होगा, अगर वे ऐसा नहीं कर पाये तो उन्हें कक्षा में रोक दिया जायेगा और परीक्षा देने का एक और मौका दिया जायेगा.
- गौरतलब है कि वर्ष 2010 में यह व्यवस्था की गयी थी कि पांचवीं और आठवीं कक्षा की पढ़ाई में बच्चों को रोका नहीं जायेगा चाहे उनका प्रदर्शन ‘अप टु द मार्क’ हो या नहीं. राइट टु एजुकेशन एक्ट -2010 के अनुसार किसी भी विद्यार्थी को एक ही क्लास में नहीं रोका जाना चाहिए. यह व्यवस्था एक्ट की धारा -4 में की गयी है.
- 12 जुलाई वर्ष 2010 को सरकार ने राज्यों को यह निर्देश जारी किया कि वह किसी भी बच्चे को एक क्लास में ना रोके और ना ही किसी बच्चे को प्राथमिक शिक्षा पूरी करने से पहले स्कूल से निकाला जाये. लेकिन सरकार इस व्यवस्था को बदलने की तैयारी में है.