GSHINDI PRELIMS CHALLENGE 3 MAY 2017

  1. 1. निम्नलिखित आन्दोलनों को उनके घटित  होने के क्रम में  व्यवस्थित करे –

1 खेडा आन्दोलन

2. असहयोग आन्दोलन

3. चंपारण सत्याग्रह

4. सविनय अवज्ञा आन्दोलन

  A 1-2-3-4

  B. 3-1-2-4

  C. 1-2-4-3

  D.3-4-2-1

2 . निम्न में से कौन सुमेलित  है

1 उश्र- मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमि  कर 

  1. जकात –मुसलमानों पर धार्मिक कर

3. जजिया –  मुसलमानों पर धार्मिक कर

4 . खराज – गैर  मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमि कर

  1. केवल 1, 2 और 4
  2. 1, 2, 3  और 4
  3. केवल 3 और 4
  4. इनमे से कोई नहीं

3.. निम्न में  से कौनसा कथन सही है –

  1. उपगुप्त चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु थे

2. .भद्रबाहु अशोक के गुरु थे

सही कूट चुनी

  • a) केवल 1
  • केवल 2
  • 1 और 2 दोनों 
  • कोई नहीं

4. बोधिसत्व सम्बंधित हैं-

  1. हीनयान शाखा से
  2. महायान शाखा से
  3. वज्रयान शाखा से

d. किसी भी शाखा से नहीं

5. भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव निम्न में से कौन सा है –

  1. घड़ियाल
  2. शार्क
  3. गंगा नदी डॉलफिन
  4. समुद्री कछुआ

1.b

  • चंपारण सत्याग्रह  बिहार में प्रचलित नील की खेती  में तीन कठिया  पद्धति से सम्बंधित था. इसके अनुसार बिहार के किसानो को अपने खेतो के 3/२० भाग  में  नील खेती करना अनिवार्य था .इस आन्दोलन का नेतृत्व गाँधी जी १९१७  में  किया था
  • खेडा आन्दोलन  १९१८  गुजरात के खेडा जिले में किसानो द्वारा  राजस्व माफ़ी को लेकर हुआ था ,इस आन्दोलन का सफलता पूर्वक नेतृत्व गाँधी जी द्वारा किया गया था
  • असहयोग आन्दोलन इस आन्दोलन का अनुमोदन १९२० में कांग्रेस के  नागपुर अदिवेशन में कियागया था इस आन्दोलन का नेतृत्व गांधीजी ने किया था | इस आन्दोलन ने खिलाफत के मुद्दे का समर्थन किया तथा  जलियांवाला हत्या कांड की निष्पक्ष जांच करेने की मांग की थी
  • सविनय अवज्ञा आन्दोलन १९३० में गाँधी जी  के नेतृत्व में  सुरु किया गया जिसे 5 मार्च १९३१ को गाँधी इरविन समझौता क साथ स्थगित कर दिया गया .इसके साथ ही गाँधी जी ने लन्दन में १९३१ में होने वाले द्वितीय गोलमेज सम्मलेन में शामिल होने का निर्णय लिया था

2. a जजिया कर गैर मुसलमानों पर धार्मिक कर है न की मुसलमानों पर

3.d

  • बाहू चन्द्रगुप्त के गुरु थे जिन्होंने चन्द्रगुप्त को जैन धर्मकी शिक्षा दी थी| जबकि उपगुप्त ने अशोक को बौद्ध धर्म की शिक्षा दी थी

4.

  • बोधिसत्व महायान शाखा से सम्बन्धित ऐसे  लोग है जो निर्वाण प्राप्ति के बेहद  करीब है यह अत्यधिक दयावान है जो दूसरों को निर्वान प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करते हैं I
  • बौद्ध धर्म का दो शाखाओ (हीनयान और महायान)में विभाजन चर्तुथ बौध संगीति ( प्रथम शताब्दी ईशा पूर्व ) ,जो कनिष्क के काल में कुन्दल्वन (कश्मीर)में आयोजित की गयी थी, में हो गया था I
  • हीनयानी स्तूप पूजा में  विश्वास करते है और बुद्ध को एक महापुरुस मानते हैं जबकि महायानी बुद्ध को भगवन मानते हैं और मूर्ति पूजामें  विश्वास करते हैं
  • वज्रयान शाखा भी बौध धरम से सम्बंधित है जो तंत्र मंत्र और जादू टोना से  सम्बंधित है

5 .c

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