- 1. निम्नलिखित आन्दोलनों को उनके घटित होने के क्रम में व्यवस्थित करे –
1 खेडा आन्दोलन
2. असहयोग आन्दोलन
3. चंपारण सत्याग्रह
4. सविनय अवज्ञा आन्दोलन
A 1-2-3-4
B. 3-1-2-4
C. 1-2-4-3
D.3-4-2-1
2 . निम्न में से कौन सुमेलित है
1 उश्र- मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमि कर
- जकात –मुसलमानों पर धार्मिक कर
3. जजिया – मुसलमानों पर धार्मिक कर
4 . खराज – गैर मुसलमानों से लिया जाने वाला भूमि कर
- केवल 1, 2 और 4
- 1, 2, 3 और 4
- केवल 3 और 4
- इनमे से कोई नहीं
3.. निम्न में से कौनसा कथन सही है –
- उपगुप्त चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु थे
2. .भद्रबाहु अशोक के गुरु थे
सही कूट चुनी
- a) केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- कोई नहीं
4. बोधिसत्व सम्बंधित हैं-
- हीनयान शाखा से
- महायान शाखा से
- वज्रयान शाखा से
d. किसी भी शाखा से नहीं
5. भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव निम्न में से कौन सा है –
- घड़ियाल
- शार्क
- गंगा नदी डॉलफिन
- समुद्री कछुआ
1.b
- चंपारण सत्याग्रह बिहार में प्रचलित नील की खेती में तीन कठिया पद्धति से सम्बंधित था. इसके अनुसार बिहार के किसानो को अपने खेतो के 3/२० भाग में नील खेती करना अनिवार्य था .इस आन्दोलन का नेतृत्व गाँधी जी १९१७ में किया था
- खेडा आन्दोलन १९१८ गुजरात के खेडा जिले में किसानो द्वारा राजस्व माफ़ी को लेकर हुआ था ,इस आन्दोलन का सफलता पूर्वक नेतृत्व गाँधी जी द्वारा किया गया था
- असहयोग आन्दोलन इस आन्दोलन का अनुमोदन १९२० में कांग्रेस के नागपुर अदिवेशन में कियागया था इस आन्दोलन का नेतृत्व गांधीजी ने किया था | इस आन्दोलन ने खिलाफत के मुद्दे का समर्थन किया तथा जलियांवाला हत्या कांड की निष्पक्ष जांच करेने की मांग की थी
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन १९३० में गाँधी जी के नेतृत्व में सुरु किया गया जिसे 5 मार्च १९३१ को गाँधी इरविन समझौता क साथ स्थगित कर दिया गया .इसके साथ ही गाँधी जी ने लन्दन में १९३१ में होने वाले द्वितीय गोलमेज सम्मलेन में शामिल होने का निर्णय लिया था
2. a जजिया कर गैर मुसलमानों पर धार्मिक कर है न की मुसलमानों पर
3.d
- बाहू चन्द्रगुप्त के गुरु थे जिन्होंने चन्द्रगुप्त को जैन धर्मकी शिक्षा दी थी| जबकि उपगुप्त ने अशोक को बौद्ध धर्म की शिक्षा दी थी
4.
- बोधिसत्व महायान शाखा से सम्बन्धित ऐसे लोग है जो निर्वाण प्राप्ति के बेहद करीब है यह अत्यधिक दयावान है जो दूसरों को निर्वान प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करते हैं I
- बौद्ध धर्म का दो शाखाओ (हीनयान और महायान)में विभाजन चर्तुथ बौध संगीति ( प्रथम शताब्दी ईशा पूर्व ) ,जो कनिष्क के काल में कुन्दल्वन (कश्मीर)में आयोजित की गयी थी, में हो गया था I
- हीनयानी स्तूप पूजा में विश्वास करते है और बुद्ध को एक महापुरुस मानते हैं जबकि महायानी बुद्ध को भगवन मानते हैं और मूर्ति पूजामें विश्वास करते हैं
- वज्रयान शाखा भी बौध धरम से सम्बंधित है जो तंत्र मंत्र और जादू टोना से सम्बंधित है
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