1. संशोधित मूल्य - वर्द्वित कर का सम्बंध है -
(a) बिक्री पर (b) धन कर
(c) आय कर (d) उत्पाद शुल्क
2.इन्द्रधनुषीय क्रान्ति का सम्बंध है -
(a) हरित क्रान्ति से (b) श्वेत क्रान्ति से
(c) नीली क्रान्ति से (d) इन सभी से
3.भारत में योजना अवकाश को अवधि थी -
(a) 1962-65 (b) 1966-69
(c) 1969-72 (d) 1972-75
4. राजकोषीय घाटा है -
(a) कुल व्यय कुल प्राप्तियां
(b) राजस्व व्यय राजस्वे प्राप्तियां
(c) पूंजीगत व्यय - पूंजीगत प्राप्तियां - बाजारे ऋण
(d) बजटीय घाटे का योग और सरकार का बाजार ऋण तथा दायित्व
5. द्वितीय हरित क्रान्ति का सम्बंध होगा -
(a) अधिक उपज देने वाले बीजो में (b) गेहूं के उत्पादन से
(c) चावल के उत्पादन से (d) जैव - प्रौघोगिकी के प्रयोग से
Answer & Explanation:
1. उत्तर - (a)
व्याख्या - मोडवेट का पूर्ण विस्तार है - मोडीफाइड वैल्यू एडेड टैक्स। यह वैट का ही संशोधित रूप है। मोडवेट यह कर है, जो उत्पादन की प्रत्येक अवस्था पर मूल्य होने वाली शुद्व वृद्वि के आधार पर लगाया जाता है। इसकी संस्तुति लक्ष्मीकान्त झा समिति ने 1976 ई. में की थी। प्रारम्भ में प्रशासनिक कठिनाईयों का अनुमान लगाते हुए इसे विनिर्माण के स्तर तक ही सीमित करने को कहा था, जिसे मैनवेट कहा गया। मैनवेट के अच्छे परिणाम मिलने पर इसे व्यापक रूप से लागू किया गया तथा इसका संशोधित रूपही मोडवेट है। मोडवेट योजना का क्रियान्वयन 1986-87 के बजट से प्रारंभ किया गया था।
2. उत्तर - (d)व्याख्या - केन्द्र सरकार ने नई राष्ट्रीय कृषि नीति की घोषणा 28 जुलाई 2000 को ससंद में की थी। नई कृषि नीति का वर्णन इन्द्रधनुषी क्रान्ति के रूप में किया गया है, जिसमें सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश के कृषि क्षेत्र में आई विभिन्न क्रान्तियों, जैसे - हरित क्रान्ति, श्वेत क्रान्ति, पीली क्रान्ति, नीली क्रान्ति, लाल क्रान्ति, गुलाबी क्रान्ति, रजत क्रान्ति को एक साथ लेकर विकास करना होगा, इसी को इन्द्रधनुषी क्रान्ति कहा गया है।
3. उत्तर - (b)
व्याख्या - 31 मार्च 1966 को तृतीय पंचवर्षीय योजना समाप्त हो गई थी। अप्रेल 1966 से चतुर्थ पंचवर्षीय योजना प्रारंभ होनी थी। परन्तु तृतीय योजना की दुर्भाग्यपूर्ण असफलतो के परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रो में उत्पादन लगभग शिथिल सा हो गया था। निर्यातों को बढावा देने के उद्देश्य से सरकार ने जून 1966 ई. में भारतीय रूपये का अवमूल्यन भी किया, किन्तु इसके अनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं हो सका। इसके साथ - साथ कीमतों में हुई वृद्वि तथा योजना उद्देश्य के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण चौथी पंचवर्षीय योजना को कुछ समये के लिए स्थगित कर उसके स्थान पर तीन वार्षिक (1966-69) योजनाएं लागू की गई, क्यांकि इस अवधि में कोई नियमित योजना नहीं बनाई गई।
4. उत्तर - (d)
व्याख्या - राजकोषीय घाटा राजस्व प्राप्तियां, अनुदानो तथा गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों के उपर सरकार के कुल व्यय का अतिरेक है इसमें राजस्व तथा पूंजीगत व्यय जिसमें उधार दिए गए शुद्व ऋणो की राशि भी सम्मिलित होती है अर्थात् बजटीय घाटे का योग और सरकार का बाजार ऋण तथा दायित्व ही
राजकोषीय घाटा = बजटीय घाटा + उधार ओरे अन्य देयताएं = (राजस्व प्राप्तियां + ऋणों की वसूली + अन्य प्राप्तियां)- (कुल व्यय) = (कर राजस्व + कर भिन्न राजस्व + ऋणो की वसूली + अन्य प्राप्तियां ) - (राजस्व खाते पर आयोजना भिन्न व्यय + पूंजी खाते पर आयोजना भिन्न व्यय + राजस्व खाते पर आयोजना व्यय + पूंजी खातेपर आयोजना व्यय)
5. उत्तर - (d)
व्याख्या - शुष्क भूमि कृषि और लघु वे सीमान्त किसाने की आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान के अलावा गैर - खाघ फसलों, बगानी और नए किस्म के पौधो पर सरकारी नीति का विशेष बल को भारत में दूसरी हरित क्रान्ति का नाम दिया गया है। दूसरी हरित क्रान्ति में कहा गया है, कि उच्च मूल्य उपजे, फलो, सब्जियो, फूलों, मसालों, चिकित्सीय पौधे, बायोडीजल में कृषि विविधता और खाघ सुरक्षा के लिए पर्याप्त मानक तैयार किए जाए।