इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की राजकीय भारत यात्रा

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इंडोनेशिया गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री जोको विडोडो 11 से 13 दिसंबर 2016 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए हुए हैं। राष्ट्रपति जोको विडोडो की भारत यह पहली द्वपक्षीय यात्रा है।

Some common ground for Cooperation

  • भारत और इंडोनेशिया दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी सभ्यतामूलक संपर्कों के साथ दोनों दोस्ताना समुद्री पड़ोसी हैं। इसमें हिंदू धर्म सहितबौद्ध धर्म और इस्लाम की साझी विरासत शामिल है।
  •  दोनों देश शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्राप्त करने के लिए बहुलवाद, लोकतंत्र और कानून के शासन के महत्व को मूल्यों को महत्त्व देते है
  •  दोनों देशों की  राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक हितों में समानता, एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक स्थायी आधार प्रदान करती  है।

कुछ मुद्दे जिन पर सहयोग के लिए सहमति बनी

सामरिक साझेदारी

  •   इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने वार्षिक शिखर सम्मेलन की बैठकें आयोजित करने पर सहमति जताई जिसमें बहुपक्षीय कार्यक्रम भी शामिल हैं। दोनों देशो ने  मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह तंत्र सहित नियमित द्विपक्षीय विचार-विमर्श जारी रखने के महत्व पर बल दिया
  • दोनों देशो ने पिछली बैठक के बाद कोयला,कृषि, आतंकवाद से मुकाबला, स्वास्थ्य, ड्रग्स, मादक पदार्थों और नारकोटिक्स में अवैध तस्करी का मुकाबला करने को लेकर गठित क्षेत्रीय संयुक्त कार्य समूह के तहत हुई प्रगति का स्वागत किया।
  • दोनों देशो ने इसरो द्वारा सितंबर 2015 में एलएपीएएन ए2 और जून 2016 में एलएपीएएन ए3 उपग्रह को प्रक्षेपित किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने एलएपीएएन और इसरो को लेकर बाह्य अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में सहयोग पर अंतर सरकारी समझौते की रूपरेखा को पूरा करने के वास्ते तेजी लाने और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष का उपयोग करने है तथा जल, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, फसल की भविष्यवाणी और संसाधनों का मानचित्रण के समझौतों; और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की खातिर एक प्रारंभिक तिथि पर संयुक्त समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दिया।

 

रक्षा और सुरक्षा सहयोग

  • रणनीतिक साझेदारों और समुद्री पड़ोसियों के रूप में,  दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। इस संदर्भ में, उ रक्षा मंत्रियों की वार्ता और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक के प्रारंभिक आयोजन की समीक्षा करने और एक ठोस द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समझौते के लिए मौजूदा "रक्षा के क्षेत्र में सहयोग कार्यों पर समझौते" का उन्नयन करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए ।
  • दोनों देशों की सेनाओं (अगस्त 2016) और नौसेनाओं(जून 2016) के के बीच स्टाफ वार्ता हुई, जिसके परिणामस्वरूप दो सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने और वायु सेना स्टाफ वार्ता एक प्रारंभिक तिथि पर आयोजित करने को सहमति बनी थी। दोनों पक्षों में विशेष बलों सहित रक्षा आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास की आवृत्ति में वृद्धि करने के लिए सहमति बनी।
  • वैश्विक आतंकवाद और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों से खतरा पर चर्चा की और साइबर अपराध, आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण, मनी लांड्रिंग, हथियारों की तस्करी, मानव  तस्करी का मुकाबला करने में द्विपक्षीय सहयोग पर सहमती बनी
  • दोनों देशों ने  दुनिया  और अपने-अपने देशों के आसपास के क्षेत्रों के लिए समुद्री क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। भारत और इंडोनेशिया ने समुद्री सहयोग को गहरा करने का वादा किया है और राष्ट्रपति की इस  यात्रा के दौरान एक अलग "समुद्री सहयोग पर वक्तव्य" जारी किया गया । वक्तव्य में एक व्यापक क्षेत्र शामिल, जिसमें समुद्री सुरक्षा, समुद्री उद्योग, समुद्री सुरक्षा और नेविगेशन और दोनों देशों द्वारा की चिह्नित द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों सम्मिलित हैं।

 व्यापक आर्थिक भागीदारी

इसके लिए जिन क्षेत्रो में सहयोग की अपेक्षा की गई वो है

  • व्यापार एवं विनिवेश में वृद्धि
  • ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में सहयोग करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही संबंधित जलवायु परिवर्तन के लक्ष्य को पूरा करने पर सहमति
  • तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग
  • दवा के क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का विस्तार
  • सूचना और संचार प्रौद्योगिकी 
  •  व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी पर ध्यान

संस्कृति एवं लोगों के बीच संपर्क

इसके लिए फिल्म क्षेत्र , संकाय आदान प्रदान, शिक्षिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, दोहरी डिग्री कार्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय के संबंधों का संस्थानीकरण में सहयोग पर बल देने की बात हुई

 

आम चुनौतियों से निपटने में सहयोग

  • दोनों देशों  ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी शब्दों में निंदा की और आतंकी गतिविधियों को लेकर‘जीरो टोलरेंस’नीति यानी बर्दाश्त नहीं करने की बात पर जोर दिया।
  • दोनों देशों  ने  नौवहन की स्वतंत्रता का सम्मान करने और उड़ान भर में नियम कायदों का पालन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जोकि संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन समुद्र के कानून (यूएनसीएलओएस) में विशेष रूप से परिलक्षित होता है। 
  • दोनों देशों   ने संयुक्त राष्ट्र और उसके प्रमुख निकायों में सुधार के लिए चल रहे कार्यक्रमों को अपने समर्थन की मंशा को दोहराया जिसमें सुरक्षा परिषद में सुधार शामिल है। आज की दुनिया की चुनौतियों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र को अधिक लोकतांत्रिक, पारदर्शी और कुशल बनाना होगा। दोनों देशों   ने जोर देकर कहा कि परिषद का इस तरह के एक पुनर्गठन किया जाना चाहिए जिससे कि विकासशील देशों को पर्याप्त रूप से परिषद के स्थायी सदस्यों के जरिये प्रतिनिधित्व मिल सके। दोनों देशों   ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सहमति जताई। 
  • दोनों देशों को हिंद महासागर रिम संघ(आईओआरए) और संगठन द्वारा पहचाने गए क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में और हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी(आईओएनएस) में भागीदारी करने पर भी सहमति बनी

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