केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत हाइब्रिड वार्षिक वृत्ति आधार पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसका उद्देश्य भारत में अपशिष्ट जल क्षेत्र में सुधार लाना है।
Some progress
- नमामि गंगे कार्यक्रम को लागू करने में तेजी लाने की दिशा में एक प्रमुख पहल के रूप में गंगा टास्क फोर्स बटालियन की पहली कंपनी को गढ़मुक्तेश्वर में तैनात किया गया था।।
- नमामी गंगे कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में भारत सरकार ने प्रवासी भारतीयों, अनिवासी भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों , संस्थाओं और कॉरपोरेट्स को गंगा संरक्षण में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए 'स्वच्छ गंगा कोष ’ की स्थापना की।
- नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा संरक्षण के लिए एक कार्यान्वयन समझौते पर 16 अप्रैल , 2016 को जल संसाधन मंत्रालय , नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा जर्मनी की जर्मन इंटरनेशनल कोरपोरेशन (जीआईजेड) के बीच नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे।
- जल संसाधन , नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के तहत स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन ने इंडियन इंस्टीट्यूट कानपुर (आईआईटीके) के सहयोग से गंगा नदी बेसिन प्रबंधन और अध्ययन केंद्र (सीजीआरबीएमएस ) की नई दिल्ली में औपचारिक शुरूआत की घोषणा की।
- जल संसाधन , नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने गंगा अधिनियम मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। न्यायमूर्ति श्री गिरधर मालवीय (सेवानिवृत्त) को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।।
- जल संसाधन , नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने नमामी गंगे कार्यक्रम के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गंगा नदी (संरक्षण, सुरक्षा और प्रबंधन) प्राधिकरण आदेश 2016 को मंजूरी दे दी है। इस आदेश में त्वरित तरीके से नीति और कार्यान्वयन के लिए एक नए संस्थागत ढांचे का प्रावधान किया गया है और राष्ट्रीय स्वच्छ मिशन को स्वतंत्र और जवाबदेह तरीके से अपने कार्य का निर्वहन करने के लिए सशक्त बनाया गया है।
- मंत्रालय ने पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय को चालू चालू वित्त वर्ष के दौरान स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गंगा कार्य योजना को लागू करने के लिए 315 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।।
सरकार ने जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा दिए गए विकासात्मक ऋणों के रूप में यमुना की परियोजनाओं के लिए 496.90 करोड़ रुपये राशि की वित्तीय सहायता का लाभ उठाया।।
साभार : विशनाराम माली