ब्रिक्‍स कृषि शोध प्‍लेटफॉर्म की स्‍थापना

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ब्रिक्‍स कृषि शोध प्‍लेटफॉर्म (ब्रिक्‍स-एआरपी) की स्‍थापना के लिए भारत और ब्रिक्‍स के अन्‍य सदस्‍य देशों के बीच हस्‍ताक्षरित सहमति पत्र (एमओयू) को अपनी पूर्वव्‍यापी मंजूरी दे दी है।

Background

  • रूस के ऊफा में 9 जुलाई, 2015 को आयोजित सातवें ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री ने ब्रिक्‍स कृषि अनुसंधान केन्‍द्र की स्‍थापना का प्रस्‍ताव रखा जो पूरे विश्‍व को एक उपहार होगा।
  • यह केन्‍द्र ब्रिक्‍स के सदस्‍य देशों में खाद्य सुरक्षा उपलब्‍ध कराने के लिए कृषि क्षेत्र में नीतिगत सहयोग के जरिए सतत कृषि विकास एवं गरीबी उन्‍मूलन को बढ़ावा देगा।
  • ब्रिक्‍स देशों में छोटे किसानों द्वारा की जाने वाली खेती के लिए प्रौद्योगिकियों सहित कृषि अनुसंधान नीति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं क्षमता निर्माण के क्षेत्र में ब्रिक्‍स देशों के बीच सहयोग को और अधिक बढ़ाने के लिए भारत के गोवा में 16 अक्‍टूबर, 2016 को आयोजित आठवें ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन में ब्रिक्‍स देशों के मंत्रियों द्वारा कृषि अनुसंधान प्‍लेटफॉर्म की स्‍थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये गये थे।
  • विश्‍व में भूखमरी, गरीबी एवं विषमता, विशेष रूप से किसानों और गैर किसानों की आय में विषमता से जुड़े मसलों को सुलझाने और कृषि व्‍यापार, जैव सुरक्षा एवं जलवायु अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक कृषि आधारित सतत विकास हेतु प्राकृतिक वैश्विक प्‍लेटफॉर्म के रूप में ब्रिक्‍स – कृषि अनुसंधान प्‍लेटफॉर्म (एआरपी) की प्रस्‍तावना की गई है

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