गोवा घोषणा-पत्र (Goa Declaration)

गोवा घोषणा-पत्र (Goa Declaration) के साथ 8वां ब्रिक्स -शिखर सम्मेलन समाप्त |

आठवें ब्रिक्स सम्मेलन की  थीम- "उत्तरदायित्वपूर्ण ,समावेशी तथा सामूहिक समाधान का निर्माण करना" । 

  • इसमें समान हितों तथा मुख्य प्राथमिकताओं वाली ब्रिक्स की एकजुटता तथा सहयोग पर आधारित रणनीतिक साझेदारी को  निष्कपटता,एकता,समता, समावेशिता तथा परस्पर लाभकारी सहयोग की भावना से और अधिक सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया ।                               
  • यह घोषणा पत्र ब्रिक्स देशों को सामूहिक रूप से विश्व शांति,सुरक्षा तथा सतत् विकास के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों से मुकाबले की बात करता है।                          
  • यह डिक्लेरेशन न्यू डवलपमेंट बैंक , आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था  तथा एनडीबी के अफ्रीका क्षेत्रीय केंद्र के सफल संचालन तथा इनका वैश्विक अर्थव्यवस्था व अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना की मजबूती में योगदान पर संतोष व्यक्त करता है , गौरतलब है कि इस  ब्रिक्स बैक की स्थापना को कानूनी मंजूरी 6 th ब्रिक्स सम्मेलन फोर्टालेजा ,ब्राजील में 100 बिलियन डॉलर की प्राधिकृत राशि के साथ दी गई ,जिसका उद्देश्य- धारणीय विकास आधारित प्रोजेक्टों को वित्तीय तथा तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाना तथा वैश्विक साझेदारी के नेटवर्क को बढाना है।                                           
  • इस घोषणा पत्र में BRICS-BIMSTEC( Bay of Bangal initiative for multi-sectoral Technical and Economic cooperation)  के मध्य व्यापार,वाणिज्य व निवेश के लिए और साझे लक्ष्य- शांति, विकास,लोकतंत्र तथा  समृद्धि के लिए आपसी विश्वास तथा साझेदारी बढाने की वचनबद्धता को दोहराया गया ।।                               
  • घोषणा-पत्र में अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं तथा विवादों का संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप कूटनीतिक तथा राजनीतिक समाधान की प्रतिबद्धता दर्शायी गई।                                        
  • इसमें विश्व संवृद्धि में बाधक - व्यापार में कमी,समावेशी आर्थिक विकास में कमी ,भू-राजनीतिक विवाद ,आंतकवाद ,शरणार्थी समस्या,भ्रष्टाचार, अवैध धन प्रवाह तथा ब्रेक्सिट के प्रभाव के समाधान हेतु सामूहिक प्रयासों की जरूरत महसूस की गई । और आर्थिक नीतियों के निर्माण में समन्वय बढाने ,औद्योगिकरण व    आपसी कारोबार बढाने तथा बाजारों को जोडने पर जोर दिया गया ।।                 
  •  इसमें  equity and common but differential responsibilities and respective capabilities (CBDR&RC) के सिद्धांत की भावना पर आधारित पेरिस जलवायु समझौते को वैश्विक समुदाय द्वारा मान्यता पर खुशी जताई गई तथा विकासशील देशों में अनुकूलन(adaptation) तथा प्रभाव न्यूनीकरण (mitigation ) हेतु विकसित देशों द्वारा वित्त संसाधन , तकनीक तथा क्षमता निर्माण में सहयोग की जिम्मेदारी निभाये की बात दोहराई गई।।                                             
  • घोषणा पत्र में सभी प्रकार के आंतकवाद की भर्त्सना की गई ,और सभी राष्ट्रो को व्यापक दृष्टिकोण अपनाकर आंतकी अड्डों , अतिवाद , आंतक के फंडिग तंत्र, इंटरनेट तथा सोशल मिडिया आंतकवाद को ध्वस्त करने के प्रयास करने को कहा गया । विश्व समुदाय के लिए खतरा आंतकी संगठनों जैसे - आईएसआईएस ,अलकायदा व जूबहात-उर-नुशरा का विशेष उल्लेख किया गया ।  यह अंतर्राष्ट्रीय कानून तथा मानवाधिकारों के सम्मान से संचालित आंतक-रोधी गतिविधियों का समर्थन दृर्शाता है ,साथ ही CCIT को यू एन द्वारा अपनाने की सख्त जरूरत बताया गया ।         
  • UN में सुधार करने की तथा UNSC में विकासशील देशों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व देने की और IMF कोटे में सुधार की मांग को दौहराया गया । तथा RMB को एसडीआर में सम्मिलित करने का आभार प्रेषित किया गया ।।               - यह घोषणा-पत्र एकपक्षीय सैन्य हस्तक्षेप तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन पर एकतरफा आर्थिक प्रतिबंध की निंदा करता है ।।                             
  • मध्य-एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका में बनी हुई परिस्थितियों का निस्तारण अंतर्राष्ट्रीय कानूनों तथा क्षेत्र की स्वतंत्रता, अखंडता व संप्रभुता को ध्यान में रखकर हो ,ऐसे समाधान का ब्रिक्स समर्थन करता है।।   सीरिया संकट का समाधान जिनेवा -पत्र 2012 तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव -2254 व 2268 के पूर्ण क्रियान्वयन के द्वारा वहाँ की जनता की महत्वाकांक्षाओं के प्रति न्यायसंगत दृष्टिकोण रखते हुए समग्रता व शांति के साथ खोजने के प्रयास होने चाहिए ।।                                          
  • ब्रिक्स के सभी देश सम्मान दृष्टिकोण के साथ  लोकतांत्रिक तथा बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के हिमायती है और  यूएनओ की केंद्रीय भूमिका का तथा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का आदर करते है।    - WTO व अन्य मंचों पर समता की वकालत की गई है।।                           
  •  कृषि क्षेत्र में आपसी मदद की पेशकश की गई ।।                                        
  • सास्कृतिक आदान-प्रदान , पर्यटन क्षेत्र के विकास , खेल गतिविधियों ,रेलवे सहयोग तथा समावेशी शहरीकरण में आपसी समझ तथा साझेदारी को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया ।।  

  -***** कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:------           

1. ब्रिक्स महिला सांसदों का सम्मेलन- जयपुर , 20-21 अगस्त ,2016, जयपुर घोषणा -पत्र में सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रमुख तीन आयामों को रेखांकित किया गया - सतत् विकास, जेंडर इक्वलिटी व महिला सशक्तिकरण । 

2.   ब्रिक्स की आपदा प्रबंधन पर मंत्रिस्तरीय बैठक -उदयपुर, उदयपुर घोषणा पत्र:- ब्रिक्स ज्वाइंट टास्क फोर्स अॉन डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट का गठन ।    

3. ब्रिक्स के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक-गोवा ,जल व वायु प्रदूषण,शहरी अपशिष्ट तथा जैव ह्रास से निपटने हेतु तकनीक साझा करने पर सहमति ।।    

4. ब्रिक्स खेल परिषद् का गठन तथा पहली अंडर -17 ब्रिक्स फुटबाल टूर्नामेंट(BRICS. U-17)  का गोवा में आयोजन।

5. ब्रिक्स विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रियों की बैठक-जयपुर , विज्ञान ,प्रौद्योगिकी व नवाचार के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढाना व संयुक्त कार्यों की प्राथमिकता देने पर सहमति ।

6.  पहला ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल -नई दिल्ली , कला व संस्कृति के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन ।  

 7. ब्रिक्स वित्त मंत्रियों की बैठक -वांशिगटन- डीसी , भुगतान संतुलन के दबाव की स्थिति में अल्पकालिक सहायता नकदी व अन्य यंत्रो से सहमति। 

8. ब्रिक्स पर्यटन मंत्रियों की बैठक-खजुराहो ,मध्यप्रदेश, पर्यटन विकास पर बल ।

9. ब्रिक्स शहरीकरण मंच बैठक- विशाखापट्टनम , बेहतर शहरी शासन, शहरी परिवहन,शहरी अवसंरचना,तथा ग्रीन सिटी निर्माण हेतु वित्त व तकनीक सहयोग ।

10. ब्रिक्स युवा सम्मेलन -गुवाहाटी , शिक्षा ,रोजगार ,तथा कौशल विकास व आर्थिक रूप युवाओं को सशक्त करने जोर ।

साभार: विशनाराम माली

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