अभियान के एक अंग के रूप में पर्यावरण मंत्रालय विभिन्न हितधारकों और लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने और वायु प्रदूषण का सामना करने और प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों को संचालित करेगा।
दीवाली हमारी समृद्ध परंपरा का अभिन्न अंग है और प्रसन्नता तथा हर्ष का त्योहार है। हाल के समय में इसके मनाये जाने के तरीके में बदलाव आया है। पहले इसे बम-पटाखों को फोड़कर मनाया जाता था जिससे व्यापक रूप से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता था। परिणाम स्वरूप पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ता था।
- पिछले कुछ वर्षों में सर्दियों के दौरान कई शहरों में वायु प्रदूषण निर्धारित सीमा से ऊपर पहुंचा है। दीवाली के दौरान अत्यधिक पटाखे जलाने से समस्या और अधिक बढ़ जाती है। पिछले वर्ष दिल्ली में प्रदूषण का स्तर, विशेषकर दीवाली के बाद ऐसे स्तर पर पहुंच गया था कि सरकार को आपातकाल स्थिति घोषित करनी पड़ी। जिसके फलस्वरूप स्कूल, निर्माण स्थलों और पावर स्टेशन बंद होने जैसे सामाजिक-आर्थिक सामने आए।
- स्कूली छात्रों में हरित दीवाली को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ गतिविधियां में लोगो और स्टिकरों का वितरण, पोस्टर प्रतियोगिता, जन परिवहन प्रणाली में विज्ञापन, रेडियो/एफएम का उपयोग करते हुए पब्लिक अपील अन्य हितधारकों और औद्योगिक संगठनों आदि को जोड़ना शामिल हैं। सोशल मीडिया अभियान के एक हिस्से के रूप में ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें कोई भी व्यक्ति/संगठन ‘ प्रदूषण मुक्त दीवाली’ विषय पर वीडियो/ऑडियो क्लिप बना सकता है। इन क्लिप्स में से सर्वोत्तम क्लिप को आधिकारिक रूप से देशभर में प्रचारित करने के लिए उपयोग में लाया जाएगा।