Understanding (MoU) between India and Nepal on Drug Demand Reduction and Prevention of Illicit Trafficking in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances
मंत्रिमंडल ने नारकोटिक ड्रग्स एवं साइकोट्रोपिक पदार्थ और अग्रगामी रसायन एवं संबंधित मामलों में ड्रग की मांग घटाने एवं अवैध तस्करी की रोकथाम पर भारत और नेपाल के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी।
- यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच ड्रग मामलों पर सहयोग के क्षेत्रों को सूचीबद्ध करता है।
- साथ ही यह दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक ढांचा और सक्षम अधिकारियों को भी इंगित करता है जो इस एमओयू के कार्यान्वयन एवं किसी भी सूचना के आदान-प्रदान के लिए जिम्मेदार होंगे।
- ड्रग मामलों में सहयोग से दोनों देशों के बीच नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थ और अग्रगामी रसायनों की अवैध तस्करी पर रोक लगने की उम्मीद है।
इस एमओयू के तहत दोनों पक्षों को निम्नलिखित प्रयास करने होंगे:-
(i) नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थ और उनके अग्रगामी रसायनों में अवैध तस्करी के मुद्दे को प्रभावी तरीके से निपटाने के मद्देनजर आपसी सहयोग विकसित करना और रोकथाम, जागरूकता, शिक्षा एवं समुदाय आधारित कार्यक्रमों, उपचार एवं पुनर्वास के माध्यम से ड्रग की मांग घटाने में सहयोग करना।
(ii) नशीली दवाओं के मामलों में परिचालन, तकनीकी एवं सामान्य प्रकृति की सूचनाओं का आदान-प्रदान करना। साथ ही, मौजूदा कानूनों, नियमों, प्रक्रियाओं, सर्वोत्तम प्रथाओं और नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थ एवं उनके अग्रगामी रसायनों में अवैध तस्करी की रोकथाम के तरीकों एवं मौजूदा कानून में किसी भी संशोधन के दस्तावेजों का आदान-प्रदान करना।
पृष्ठभूमि:
भारत ने मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए वैश्विक प्रयासों का हमेशा समर्थन किया है और वह इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के नेतृत्व में चलाए गए कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभियानों में एक पार्टी रहा है। नारकोटिक ड्रग्स पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों की भावना के अनुसार पड़ोसी देशों एवं हमारे देश में नशीली दवाओं की स्थिति पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालने वाले देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते/एमओयू करने की कोशिश की गई है। कई देशों के साथ इस प्रकार के द्विपक्षीय समझौतों/एमओयू को पहले से ही अंजाम दिया गया है। नेपाल के साथ प्रस्तावित समझौता ज्ञापन इसी तरह का एक अन्य समझौता ज्ञापन है जो नशीली दवाओं के मामलों में द्विपक्षीय सहयोग के उद्देश्य से किया गया है।