9  बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात ऋण के लिए भारत और कोरिया के बीच एमओयू

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीसरे देशों की परियोजनाओं के तहत वस्‍तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति और भारत में बुनियादी ढांचागत विकास के लिए 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात ऋण के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) और कोरिया के निर्यात-आयात बैंक (केईएक्‍सआईएम) के बीच प्रस्‍तावित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी है।

  • वार्षिक वित्तीय द्विपक्षीय वार्ता के लिए 14-15 जून 2017 को वित्त मंत्री अरुण जेटली की आगामी सोल, कोरिया यात्रा के दौरान दोनों बैंकों के बीच इस एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए जाने का प्रस्‍ताव है।
  • इस निर्णय से देश के अंतरराष्‍ट्रीय निर्यात को बढ़ावा मिलने और भारत एवं कोरिया के बीच राजनीतिक एवं वित्तीय संबंधों में गहराई आने की उम्‍मीद है।
  • निर्यात ऋण का उपयोग तीसरे देशों की परियोजनाओं तहत भारत और कोरिया से वस्‍तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति के साथ-साथ भारत में स्‍मार्ट सिटी, रेलवे, बिजली उत्‍पादन एवं पारेषण आदि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक्जिम बैंक से ऋण के जरिये किया जाएगा।

कार्यान्‍वयन रणनीति

कार्यान्‍वयन रणनीति के तहत इस एमओयू के सभी पक्ष वित्तीय सहायता का ढांचा तैयार करने, मौजूदा व्‍यवस्‍थाओं एवं संबंधित प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए आपस में विचार-विमर्श करेंगे। एग्जिम बैंक भारत में व्‍यवहार्य परियोजनाओं की पहचान करेगा। तीसरे देशों में परियोजनाओं के लिए दोनों पक्ष संयुक्त रूप से व्‍यवहार्य परियोजनाओं की पहचान करेंगे।

एग्जिम बैंक से पता चला है कि निवेश ऋण (विशेष रूप से कोरियाई आयात सामग्री के एक निश्चित स्‍तर और ओईसीडी के निर्यात ऋण दिशानिर्देशों के अनुसार ब्‍याज दरों के साथ परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए निर्यात ऋण सुविधा) के तौर पर केईएक्‍सआईएम 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर उपलब्‍ध कराएगा। केईएक्‍सआईएम द्वारा इस रकम का उपयोग एग्जिम बैंक की भागीदारी के बिना ऋणदाता के तौर पर भी किया जा सकता है जो उसकी संतुष्टि पर निर्भर करेगा।

तीसरे देशों की परियोजनाओं के तहत भारत और कोरिया से वस्‍तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति से राजस्‍व का एक अतिरिक्‍त स्रोत पैदा होगा जो इस एमओयू की वजह से संभव हो सकेगा। यह पारस्‍परिक अनुभव का आदान-प्रदान करने, निर्यात एवं आयात कारोबार पर वित्त पोषण संबंधी जानकारी साझा करने, परियोजनाओं का आकलन करने और संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों में ज्ञान के सृजन में मदद करेगा।

पृष्‍ठभूमि

2015 में प्रधानमंत्री की कोरिया गणराज्‍य की यात्रा के दौरान जारी संयुक्‍त बयान में कहा गया था कि भारत में बुनियादी ढांचागत विकास के लिए कोरिया 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर की पेशकश करना चाहता है। उसके बाद तैयार इस पैकेज में सरकार से सरकार वित्त पोषण के तहत साउथ कोरियन इकनॉमिक डेवलपमेंट कोऑपरेशन फंड (ईडीसीएफ) से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर और केईएक्‍सआईएम से निर्यात ऋण के तहत 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की व्‍यवस्‍था की गई। केईडीआईएम से 9 बिलियन डॉलर के ऋण की व्‍यवस्‍था केईएक्‍सआईएम और एग्जिम बैंक के बीच हस्‍ताक्षरित औपचारिक एमओयू के जरिये की गई है।

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