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- केंद्रीय मंत्रीमंडल नेभारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक,2017को संसद में पेश करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
- विधेयक में संशोधन होने से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान और डिजायन एवं मैनुफैक्चरिंग(आईआईटीडीएम) कुरनूल का अन्य सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों के सैद्धांतिक अधिनियम में समावेशन का रास्ता साफ हो जाएगा। इसके बाद
आईआईडीएम कुरनूल के छात्रों को डिग्री प्रदान करने के अधिकार के साथ उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्था का दर्जा दे दिया जाएगा। - आईआईडीएम कुरनूल को संचालित करने में जो खर्च आएगा, वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के योजना फंड से आएगा।
- उद्योग और अर्थव्यवस्था की उभरती हुई जरूरतों को देखते हुए तकनीकी रूप से कौशल मानव संसाधन चाहिए। इसकी भरपाई प्रशिक्षण मुहैया कराने वाले संस्थान ही पूरा कर सकते हैं। संस्थान लिंग,जाति,धर्म,विकलांगता,अधिवास,जातीयता,सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बगैर सभी व्यक्तियों के लिए खुला रहेगा।
पृष्टभूमिः
सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम 2014 देश में स्थित आईआईटी को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान करता है। साथ ही आईआईटी प्रशासन के साथ जोड़ता भी है। इसके बाद सरकार ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में नया एनआईटी स्थापित करने की अनुमति प्रदान की है जो कि आंध्र प्रदेश मान्यता अधिनियम 2014 में सन्निहित है। नए आईआईटी के अलावा आईआईटी अधिनियम 2014 में भी संशोधन किया जाएगा जिसमें आईआईटीडीएम, कुरनूल ऐसा पांचवां आईआईटी होगा जो केंद्र से सहयोग प्राप्त करने वाला सदस्य होगा।