आईएनएस शार्दुल दक्षिण हिंद महासागर में संयुक्त विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी पर

  • केवल भारत में ही नहीं बल्‍कि हिंद महासागर क्षेत्र में अबाधित आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए सुरक्षित और स्थिर क्षेत्रीय वातावरण सुनिश्चित करने के, भारत के राष्‍ट्रीय उद्देश्‍य को देखते हुए भारतीय नौसेना का जहाज शार्दुल इस क्षेत्र में निगरानी सहायता प्रदान करने के लिए दक्षिण हिंद महासागर क्षेत्र में दो महीने की तैनाती पर है।
  • इस युद्ध पोत ने तैनाती के प्रारंभिक चरण में 8 से 26 मार्च, 2017 तक राष्‍ट्रीय तटरक्षक मॉरीशस के साथ तालमेल से मॉरीशस में संयुक्‍त ईईजेड निगरानी की। सफल संयुक्‍त ईईजेड निगरानी के बाद इस युद्धपोत ने ईईजेड निगरानी के पहले चरण के लिए 27 मार्च, 2017 को सेशेल्‍स के ईईजेड में प्रवेश किया।
  • आईएनएस सार्दुल की तैनाती का उद्देश्‍य आईयूयू में मछली पकड़ने और नशीले पदार्थों की तस्‍करी रोकने के लिए अपनी उपस्‍थिति दर्ज कराना है।
  • इस जहाज ने इस क्षेत्र में व्‍यापारियों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं के साथ व्‍यापक पूछताछ की ताकि व्‍यापारिक यातायात के पारगमन के लिए समुद्र को सुरक्षित बनाकर सेशेल्‍स के ईईजेड की सुरक्षा की जा सके।
  • यह युद्धपोत 6 अप्रैल, 2017 को दूसरे ओटीआर और मिशन डिब्रीफ के लिए पोर्ट विक्‍टोरिया में प्रवेश करेगा। सेशेल्‍स की संयुक्‍त ईईजेड निगरानी की डिब्रीफ में सेशेल्‍स में नियुक्‍त भारत के उच्‍चायुक्‍त, एसपीडीएफ और सेशेल्‍स तटरक्षक के वरिष्‍ठ अधिकारी भाग
  • 2009 से भारतीय नौसेना मेजबान देशों के अनुरोध पर देश आधारित व्‍यापक ईईजेड की गश्‍त करने के लिए इस क्षेत्र में जहाजों की तैनाती कर रही है। इसी जहाज की ऐसी पिछली तैनाती दिसंबर, 2016 में की गई थी।
  • मेजबान देश के तटरक्षक बल के साथ भारतीय नौसेना के जहाज की संयुक्‍त गश्‍त के लिए प्रतिबद्ध और समर्पित तैनाती इस क्षेत्र के राष्‍ट्रों के बीच संबंधों और मैत्री को मजबूत बनाती है। आईएनएस सार्दुल भारतीय नौसेना का एक बड़ा लैंडिंग शिफ्ट टैंक है, जिसका मुख्‍य कार्य सैनिकों, वाहनों और हथियारों को ढ़ोने के साथ-साथ उभयचर उद्देश्‍य क्षेत्र में युद्ध उपकरण और कर्मियों को पहुंचाना है। इस जहाज को प्रथम प्रशिक्षण स्‍क्‍वाड्रन के साथ नियमित रूप से तैनात किया जाता है और यह भारतीय नौसेना के युवा अधिकारियों के प्रारंभिक समुद्रिक प्रशिक्षण के लिए जिम्‍मेदार है।

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