एकीकृत सूचना प्रसार प्रणाली-सागर वाणी की शुरूआत

  • केन्द्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के स्थापना दिवस के अवसर पर  एक ऐप सागर वाणी की शुरूआता की।
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत ईएसएसओ-महासागर सूचना सेवा के लिए भारतीय राष्ट्रीय केन्द्र (आईएनसीओआईएस) देश में विभिन्न उपयोगकर्ता समुदायों के लाभ के लिए है। इन सेवाओँ का अधिक लाभदायक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है बशर्ते अंतिम उपयोगकर्ता तक समय पर और पढ़ने योग्य फॉरमेट में परामर्श पहुंच जाये। देश की अधिकांश जनता की पहुंच में आईसीटी सुविधाएं है और वह अंतिम उपयोगकर्ता तक सूचना के प्रभावी प्रसार में प्रमुख भूमिका निभाती है। ईएसएसओ- आईएनसीओआईएस ने महासागर सूचना और परामर्श सेवाओं के समय पर प्रसार के लिए देश में उपलब्ध आधुनिक प्रौद्योगिकी और साधन अपनाये हैं जिनमें संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्र में परामर्श, महासागर राज्य भविष्यवाणी, ऊंची लहरों और सुनामी के बारे में पूर्व चेतावनी शामिल हैं।

सुनामी क्या है और समुद्र तटीय इलाके क्यों इसकी ज़द में आते हैं?

  • 3,999,214 मछुआरों के साथ समुद्री मछली पकड़ने वाले 3288 गांव और 1511 समुद्री मछली लेंडिंग केन्द्र है। करीब 37.8 प्रतिशत (1,511,703) मछुआरे सक्रिय रूप से मछली पकड़ने के कार्य में लगे हुए हैं। करीब 927,120 मछुआरे पूर्ण अथवा आंशिक मछली पकड़ने के कार्य में शामिल हैं। ईएसएसओ- आईएनसीओआईएस का लाभ करीब 3.17 लाख उपयोगकर्ता आंतरिक प्रयासों के साथ-साथ साझेदार संगठनों के जरिये ले सकेंगे।
  • वर्तमान में परामर्शों का विभिन्न सेवा केन्द्रों और सहयोगियों के जरिये साझेदारों के बीच प्रसार किया जाता है जिससे सेवाओं के प्रसार में देरी हो सकती है। परामर्शों का प्रभावी और समय पर प्रयोगशाला से सीधे प्रसार करने के लिए एक एकीकृत सूचना प्रसार प्रणाली – सागर वाणी विकसित की गई है।
  • सागर वाणी तटीय समुदाय़ खासतौर से मछुआरों को उनकी आजीविका और समुद्र में सुरक्षा के संबंध में परामर्श और चेतावनियां देने में योगदान देगा।

 

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