केंद्रीय मंत्रीमंडल ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। यह कार्यक्रम दिनांक 1 जनवरी 2017 से देश के सभी जिलों में लागू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने 31 दिसंबर 2016 को राष्ट्र को संबोधित अपने भाषण में मातृत्व लाभ कार्यक्रम को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने की घोषणा की थी।
- मातृत्व लाभ कार्यक्रम नकद प्रोत्साहन के रूप में वेतन हानि के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान करता है जिससे कि महिलाएं प्रसव के पहले और उसके बाद प्रर्याप्त विश्राम कर सकें और उन्हें उचित पोषण मिल सके।
- दिनांक 1 जनवरी 2017 से लेकर 31 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अंश का कुल मूल्य 12,661करोड़ रुपए है। 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के दौरान केंद्र सरकार का हिस्सा लगभग 7,932 करोड रुपए बनता है।
योजना का उद्देश्य
1. नकद प्रोत्साहन के रूप में वेतन हानि के लिए आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना जिससे कि महिलाएं प्रथम जीवित बच्चे के प्रसव के पूर्व और पश्चात पर्याप्त आराम कर सके।
2. प्रदान किए गए नकद प्रोत्साहनों के माध्यम सें गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पी डब्ल्यू एंड एल एम) में कुपोषण के प्रभावों नामत: स्टंटिंग, वेस्टिंग और अन्य समस्याओं के प्रभाव को कम किया जा सके।
लक्षित समूह
केंद्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नियमित रोजगार करने वाली या किसी समय के लिए किसी भी कानून के अंतर्गत इसी प्रकार के लाभ प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को छोड़कर, सभी पात्र गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं (पी डब्ल्यू एंड एल एम )। यह निर्णय लिया गया है कि प्रथम जीवित शिशु के जन्म के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तीन किश्तों में पी डब्ल्यू एंड एल एम को 5000 रुपए का लाभ और डिलीवरी के बाद विद्यमान कार्यक्रमों के अंतर्गत मातृत्व लाभ के लिए यथा मंजूर मानदंडों के अनुसार शेष नकद प्रोत्साहन प्रदान करेगा जिससे कि एक महिलाओँ को औरसतन 6000 रूपये प्राप्त होंगे।
शर्तें और किश्तें
गर्भवती महिलाओँ और स्तनपान कराने वाली माताओँ को नीचे दी गई सारणी के अनुसार निम्नलिखित चरणों में ₹5000 का नकद लाभ तीन किश्तों में प्राप्त होगा
पृष्ठभूमि
भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक महिला को गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के समय उचित सहायता और स्वास्थ्य देखभाल मिले तथा प्रत्येक नवजात शिशु का समय पर टीकाकरण किया जा सके जोकि माता और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य का आधार होता है। सामान्य रूप से, किसी महिला की प्रथम गर्भावस्था के दौरान उसे नए प्रकार की चुनौतियों और तनाव के कारकों से सामना करना पड़ता है इसलिए इस स्कीम का उद्देश्य सुरक्षित डिलीवरी के लिए माता को सहायता प्रदान करना है और पहले जीवित शिशु का टीकाकरण करना है। उन्नत स्वास्थ्य देखभाल से पीडब्ल्यूएंडएलएम माता और शिशु के लिए बेहतर स्वास्थ्य का आधार बनेगा।