राष्ट्रीय डीवॉर्मिंग दिवस विश्व का सबसे बड़ा डीवॉर्मिंग कार्यक्रम

Ø  भारत तीसरा राष्ट्रीय डीवॉर्मिंग दिवस मना रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा डीवॉर्मिंग कार्यक्रम है, जिसके तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 19 वर्ष की आयु से कम के 340 मिलियन बच्चों को उसके दायरे में रखा गया है।

Ø   कृर्मियों द्वारा स्वास्थ्य को जो नुकसान पहुंचता है, उसे निपटने के लिए भारत में यह राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

Ø  भारत में कीड़ों का संक्रमण सबसे अधिक होता है और 14 वर्ष से कम आय़ु की 64 फीसद आबादी मिट्टी द्वारा कीड़ो के संक्रमण से ग्रस्त है। इसे बच्चों में खून की कमी, कुपोषण और मानसिक तथा शारीरीक विकास बाधित हो सकता है।

Ø  कम पोषण और खून की कमी जैसी बीमारियां मिट्टी द्वारा कीड़ों के संक्रमण से होती हैं और 40 फीसदी से लेकर 70 फीसदी तक आबादी इनसे पीड़ित हो जाती है। आगे चलकर इनसे बच्चों की पढ़ने की क्षमता और प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव पड सकता है।\

समस्या का मूल्यांकन* :-

मिट्टी द्वारा कीड़ो के संक्रमण के संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय रोग

Ø   नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को इसका मूल्यांकन करने के नोडल एजेंसी बनाया है।

Ø  एनसीडीसी ने अन्य एजेंसियों के सहयोग से मिट्टी द्वारा कृमि संक्रमण का मूल्यांकन किया है।  

Ø   वर्ष 2015 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मिट्टी द्वारा कृमि संक्रमण के अध्ययन के लिए एक तकनीकी विशेषज्ञ समूह का गठन किया था। विशेषज्ञ समूह ने सुझाव दिया था कि जिन राज्यों में मिट्टी द्वारा कृमि संक्रमण 20 फीसदी से अधिक है, वहां साल में दो बार डिवॉर्मिंग कार्यक्रम चलाया जाए। इसी तरह जिन राज्यों में यह आंकड़ा 20 फीसदी से कम है, वहां वार्षिक आधार डिवॉर्मिंग कार्यक्रम चलाया जाए। केवल राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दो राज्य हैं, जहां मिट्टी द्वारा कृमि संक्रमण 20 फीसदी से कम है तथा वहां साल में एक बार कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया गया। बांकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साल में दो बार डीवॉर्मिंग लागू की जाएगी।

राष्ट्रीय डिवॉर्मिंग कार्यक्रम* :-

Ø   एसटीएच संक्रमण का मुकाबला करने के लिए , सरकार ने एकदिवसीय रणनीति अपनाई है जिसे राष्ट्रीय डिवॉर्मिंग दिवस (एनडीडी) कहा जाता है। कार्यक्रम को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ,महिला एवं बाल विकास मंत्रालय था पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है।

Ø  प्रतिकूल घटनाओं का प्रबंधन करने के लिए , इंडियन फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) भारत के फामार्कोविजिलेंस कार्यक्रम (पीवीपीआई) की निगरानी कर रहा है , जिसने 210 एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनिटरिंग सेंटर (एएमसी) की देश भर में स्थापना की है।

Ø  इस सफलता इस मंजिल पर फरवरी 2017 का लक्ष्य 1 से 9 वर्ष आयु वर्ग के 34 करोड़ बच्चे हैं। इसके लिए निम्न पहलें शुरू की गयी हैं* :---
1. पहली बार देशभर में स्थित निजी स्कूल के 7.8 करोड़ बच्चों को इसके लिए लक्षित किया गया है।
2. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा के माध्यम से 4.3 करोड़ स्कूली बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।

3. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बेहतर डेटा संग्रह के लिए एनडीडी एप्लिकेशन को विकसित किया है।

राष्ट्रीय डिवार्मिंग दिवस एक सराहनीय कदम है जिसे स्वस्थ भारत को सुनिश्चित करने में एक लंबा सफर तय करना है। पोलियो, गिनी कृमि , चेचक , स्माल पॉक्स एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन के भारतीय गौरवशाली रिकॉर्ड को भी अलग से शामिल किया जा सकता है। इसे सबसे अच्छे तरह से इन शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया जा सकता है:-'घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो,यूँ कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये' (निदा फाजली)

साभार : विशनाराम माली 

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download