कार्यालय ज्ञापन के अनुसार मंत्रालयों/ विभागों और आंतरिक शिकायत समितियों को निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना है :
(1) कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के अधिनियम के कार्यान्वयन के बारे में संक्षिप्त विवरण में प्राप्त होने वाले और निपटाए जाने वाले मामलों की संख्या भी शामिल होगी। यह कॉलम सभी मंत्रालयों/ विभागों और प्राधिकारियों की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा होगा।
(2) मामले की जांच 30 दिनों में और विशेष परिस्थितियों में शिकायत मिलने की तारीख के 90 दिनों के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।
(3) मंत्रालयों/ विभागों को शिकायतकर्ता के बारे में यह नजर रखनी चाहिए कि उसे शिकायत करने के कारण किसी भी तरह से प्रताड़ित न किया जा सके। अगर पीड़ित महिला को यह लगे कि उसकी शिकायत के कारण उसे प्रताड़ित किया जा रहा है तो उसे अपना अपना प्रतिवेदन सचिव या संगठन के प्रमुख को भेजने का विकल्प भी दिया गया है। संबंधित अधिकारी को उसकी शिकायत का 15 दिनों के भीतर निपटान करना आवश्यक हो जाएगा।
(4) सभी मंत्रालयों/ विभागों को मासिक प्रगति रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पास भेजना आवश्यक होगा ताकि इस बारे में हुई प्रगति पर नजर रखी जा सके।
साभार : विशनाराम माली