वर्ष 2016 के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की गतिविधियों के मुख्य बिंदु/ प्रगति/ उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:
- नवाचार के विकास और दोहन के लिए राष्ट्रीय पहल (एनआईडीएचआई), यह नवाचार को बढ़ावादेने के लिए खोज से लेकर सलाहकार स्तर तक नवाचार के पारिस्थितिकी तंत्र की पूरी श्रृंखला के लिएएक कार्यक्रम है। डीएसटी द्वारा 90 करोड़ रुपये की लागत से आईआईटी, गांधीनगर में एक अनुसंधानपार्क की स्थापना की गई।
- विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) ने नई योजना अर्थात् विजिटिंग एडवांस्ड ज्वाइंटरिसर्च फैकल्टी स्कीम शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टीको सहायक/विजिटिंग फैकल्टी के रूप में एक वर्ष में एक से तीन महीने की अवधि के लिए भारतीयसंस्थानों के साथ जोड़ना है
- देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप, भारत- बेल्जियम का संयुक्त उद्यम है, जिसे आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोधसंस्थान (एरीज), नैनीताल द्वारा सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है।
- सूर्य ज्योति : फोटोवोल्टेइक इंटिग्रेटिड माइक्रो सोलर डोम एक सरल प्रौद्योगिकी विकसित की गई है ताकि जिनलोगों तक बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति नहीं होती है उनकी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इस उत्पाद को नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ऑफ ग्रिड और विकेन्द्रीकृत सौर उपकरण योजना केअंतर्गत सब्सिडी के लिए शामिल किया गया है। के बारे में बताया है।
- पोर्टेबल वॉटर प्यूरिफिकेशन के लिए प्लाज्मा प्रणाली आधारित डाई इलेक्ट्रिक बेरियर डिस्चार्ज (डीबीडी) : डीएसटी की जल प्रौद्योगिकी पहल (डब्ल्यूटीआई) के जरिये सीईईआरआई, पिलानी मेंशुद्धिकरण के लिए प्लाज्मा प्रणाली आधारित डाई इलेक्ट्रिक बेरियर डिस्चार्ज के लिए प्रौद्योगिकीविकसित की गई।
- ब्रिक्स एसटीआई सहयोग: ब्रिक्स देशों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के क्षेत्र मेंऔर सहयोग बढ़ाने के लिए 08 अक्तूबर, 2016 को जयपुर में चौथी ब्रिक्स विज्ञान, प्रौद्योगिकी औरनवाचार मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
- थेम्स-गंगा साझेदारी और स्वच्छ तथा पेयजल के महत्व को पहचानते हुए डीएसटी और आरसी-यूके जलकी गुणवत्ता में सुधार करने और अपशिष्ट जल का दुबारा उपयोग करने लायक बनाने के लिएनया सहयोगात्मक कार्यक्रम शुरू करने पर सहमत।
- ब्रिेटेन की रूदरफोर्ड अपलेंटन लेबोरेट्री (आरएएल) के साथ सहयोग : यह सहयोग नैनो साइंस और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान करने के वास्ते इसकी न्यूट्रॉन सुविधा का उपयोग करने के लिए किया गया है।
- महिलाएं और विज्ञान : डीएसटी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए ‘विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थायी समिति’ का गठन किया है। महिला वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को आधारभूत या अप्लाइड साइंस में शोध करने के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 227 परियोजनाओं की सिफारिश की गई।
- भारत सरकार के स्टार्टअप इंडिया पहल के संदर्भ में कक्षा छठी से दसवीं के स्कूली बच्चो के बीचनवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आईएनएसपीआईआरई पुरस्कार दोबारा शुरू किया गयाहै। इस योजना का नाम आईएनएसपीआईआरई पुरस्कार- एमएएनए रखा गया है