*current situation*:-
ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजना प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 31 मार्च, 2017 तक 48,812 किलोमीटर के वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा क्योंकि हर साल जनवरी से मई माह के बीच निर्माण कार्य गति पकड़ता है. 27 जनवरी, 2017 तक 32,963 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है जो कि वार्षिक लक्ष्य का 67.53 फीसदी है।
Progress*:
- इसका मतलब ये है कि रोजाना करीब 111 किमी. सड़कें बनाई जा रही हैं। वार्षिक लक्ष्य (48,812 किमी.) के मुताबिक रोजाना 133 किमी. सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए। यह समझना जरूरी है कि सितंबर से दिसंबर तक का वक्त सड़क निर्माण की दृष्टि से काफी कमजोर होता है जबकि जनवरी से मई माह तक का वक्त निर्माण कार्य के लिए काफी बेहतर होता है. यहां यह रेखांकित करना भी जरूरी है कि अप्रैल से अगस्त, 2016 की समयावधि के तहत पीएमजीएसवाई के अंतर्गत प्रतिदिन औसतन 139 किमी. सड़क का निर्माण हुआ। ऐसे में 31 मार्च, 2017 तक इस योजना के वार्षिक 48,812 किमी. लंबाई के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा।
- 2016-17 में बस्तियों से जोड़े जाने का वार्षिक लक्ष्य 15000 बस्तियां था, जबकि 27.01.2017 तक 6,473 बस्तियों से जोड़ा जा चुका है। 31 मार्च, 2017 तक पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बस्तियों से जोड़े जाने का लक्ष्य भी पूरा कर लिया जाएगा।
Construction using 'green technologies' and 'non-conventional materials':--
- एक और अन्य बड़ी उपलब्धि है कि पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों के निर्माण में ''हरित प्रौद्योगिकी और गैर-परंपरागत सामग्री (बेकार प्लास्टिक, कोल्ड मिक्स, जियो-टेक्सटाइल्स, फ्लाई ऐश, आयरन स्लैग आदि)'' के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया गया क्योंकि यह स्थानीय रूप से उपलब्ध थी।
यह कम लागत वाली, गैर-प्रदूषण, श्रम के अनुकूल और तेजी से निर्माण करने वाली प्रौद्योगिकियां/ सामग्री हैं। पीएमजीएसवाई (2000 से 2014) के पहले 14 वर्षों के दौरान इन प्रौद्योगिकी/सामग्री के इस्तेमाल से सिर्फ 806.93 किमी. सड़कें बनाई गईं. पिछले दो वर्षों (2014-2016) के दौरान पीएमजीएसवाई के तहत इन प्रौद्योगिकी/सामग्री के इस्तेमाल से 2,634.02 किमी. सड़कें बनाई गईं. मौजूदा वर्ष (2016-17) में 27.01.2017 तक इन प्रौद्योगिकी/सामग्री के इस्तेमाल से 3,000 किमी. सड़कें बनाई गईं।।
साभार : विशनाराम माली