- स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बढ़ावा देने संबंधी महत्वपूर्ण कदम के तहत रेल मंत्रालय ने अपने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के जरिये स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा तैयार किये जाने वाले क्षेत्रीय व्यंजन उत्पादों को आईआरसीटीसी के ई-केटरिंग सेवा प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को उपलब्ध कराने के लिए एसएचजी की सेवाएं लेने का निर्णय लिया है
- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से आईआरसीटीसी ने कोंकण क्षेत्र में मैविम अर्थात महिला आर्थिक विकास महामंडल और ल्यूपिन मानव कल्याण शोध फाउंडेशन द्वारा गठित किये गये एसएचजी से हाथ मिलाया है, ताकि उसकी ई-केटरिंग सेवा, जो ‘फूड ऑन ट्रैक’ के नाम से जानी जाती है, के जरिए ट्रेन यात्रियों की सीट पर ही स्वादिष्ट कोंकणी व्यंजन सुलभ कराये जा सकें।
A measure towards cashless economy in rural areas:
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे ग्रामीण आबादी का एकीकरण ई-केटरिंग सेवा के जरिये नकद रहित (कैशलेस) लेन-देन प्रणाली से संभव हो पाएगा, जिसके तहत इन एसएचजी की सेवाओं के लिए किए जाने वाले भुगतान को सीधे उनके खातों में ऑनलाइन भुगतान के जरिये डाला जा सकेगा। यह न केवल प्रौद्योगिकी के जरिये उपलब्ध कराई जाने वाली एक यात्री अनुकूल कदम है, बल्कि इससे एसएचजी को भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के दायरे में लाने में मदद मिलेगी।
What is NABARD (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक)
- कृषि ऋण से जुड़े क्षेत्रों में, योजना और परिचालन के नीतिगत मामलों में तथा भारत के ग्रामीण अंचल की अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए NABARD भारत का शीर्ष वित्त संस्था है ।
- नाबार्ड की स्थापना अभिदत्त और प्रदत्त पूंजी 100 करोड़ से की गयी जिसका अंशदान भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक ने समान रूप से किया. भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक व्दारा प्रदत्त अंशपूंजी के अनुपात में संशोधन के उपरान्त 31 मार्च 2015 को प्रदत्त पूंजी 5,000 करोड़ हो गयी जिसमें 99.60% (4,980 करोड़) का अंश भारत सरकार का तथा 0.40% (20.00 करोड़) का अंश भारतीय रिज़र्व बैंक का है.