महिला और बाल विकास मंत्रालय ने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप लापता बच्चों का पता लगाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया विकसित की है।
Background:
शीर्ष अदालत ने पाया था कि लापता बच्चों का पता लगाने के लिए राज्योंद्वारा कई मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) विकसित की गई है। न्यायालय ने इसलिए मंत्रालय को एक आदर्श एसओपी तैयार करने के लिए टीआईएसएस की मदद लेने का निर्देश दिया था, जिसका उपयोग देश भर मेंएकसमान प्रक्रिया का पालन कर लापता बच्चों के मामलों से निपटने के लिए सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जा सकता है।
Detail:
- किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) आदर्श नियम 2016 के अनुरूप लापता बच्चों का पता लगाने के लिए इस एसओपी को अंतिम रूप दिया गया है। एसओपी के जरिये मुख्य रूप से लापता बच्चों का पतालगाने और उन्हें बरामद करने के बाद उनके पुनर्वास का कार्य किया जाता है। इसमें पुलिस, बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्युसी) और किशोर न्याय बोर्डों (जेजेबी) जैसे विभिन्न हितधारकों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियांपरिभाषित की गई है।
- किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) आदर्श नियम 2016 के नियम 92(1) में लापता बच्चे को इस प्रकार परिभाषित किया गया है – किसी भी परिस्थिति या कारण से लापता ऐसा बच्चा जिसके माता-पिता,कानूनी अभिभावक या कोई अन्य व्यक्ति अथवा उस बच्चे को कानूनी तौर पर जिस संस्थान को सौंपा गया है, उन्हें उसके बारे में कोई जानकारी न हों और जब तक उसका पता नहीं लगा लिया जाता उसकी देखभाल औरसंरक्षण की आवश्यकता या उसकी सुरक्षा तथा कल्याण सुनिश्चित नहीं होता, उसे लापता माना जाएगा।
- मानक संचालन प्रक्रिया का उद्देश्य हितधारकों के साथ समन्वय कर कार्य करना, लापता बच्चों के मामले में तुरन्त कार्रवाई करना, लापता बच्चों के संबंध में जागरूकता और मूलभूत समझ बढ़ाना, बच्चों की असुरक्षाऔर बाल संरक्षण, बच्चों को ढूंढ़ने में शामिल महत्वपूर्ण हितधारकों के लिए व्यापक संचालन प्रक्रिया प्रदान करना, उनके परिजनों को ढूंढ़ना, उनके परिवार से मिलवाना, सामाजिक पुनर्मिलन पुनर्वास और संरक्षण कार्य,लापता/पाये गये/खोजे गये बच्चों और खतरे में फंसे कमजोर बच्चों के अन्य समूह की सभी श्रेणियों के साथ मिलकर प्रभावी कार्य करना, अभियोजन सहित प्रभावी कानूनों का तेजी से अनुपालन सुनिश्चित करना, लापता बच्चोंको आगे और पीडि़त होने से बचाने के लिए तंत्र और प्रणालियां तैयार करना तथा पीडि़त/गवाहों को उचित और समय पर सुरक्षा/देखभाल/ध्यान देना सुनिश्चित करना है।
लापता बच्चों का पता लगाना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। एसओपी में जांच अधिकारी की भूमिका को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। जांच अधिकारी के लिए एक जांच सूची भी होती है, जिसमें कार्रवाईका ढ़ांचा, विचार और कार्रवाई प्रदान की जाती है, जिससे लापता बच्चों के मामलों की सक्षम, उत्पादक और पूरी जांच करने में मदद मिलती है। एसओपी को सभी पुलिस महानिदेशकों तथा राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रधानसचिवों के साथ साझा किया गया है, ताकि इससे अधिक जानकारी मिल सके और यह उपयोगी साबित हो।