रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे के प्रमुख माल ढुलाई कदमों का आगाज किया

रेल मंत्री ने राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में निम्नलिखित प्रमुख माल ढुलाई कदमों का आगाज किया:

1. प्रमुख उपभोक्ताओं के लिए दीर्घकालिक अनुबंधोंकी नीति

2. भारतीय रेलवे की माल ढुलाई और यात्री व्यवसाय कार्य योजना 2017-18
3. वायर के तहत डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन का पुष्टि परीक्षण- एक नया वितरण मॉडल
4. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रो-रो (रोल ऑन रोल ऑफ) सेवा का प्रदर्शन परिचालन- सड़कों पर भीड़-भाड़ कम करने और पर्यावरण में सुधार के लिए हरित परिवहनहेतु भारतीय रेलवे की एक पॉयलट परियोजना।।                      

Shrinking revenue sources of Railway:

  • विगत वर्षों के दौरान देश के कुल यातायात में रेलवे की हिस्सेदारी काफी घट गई है। रेलवे अपना दो-तिहाई राजस्व केवल माल ढुलाई और मुख्यत: आठ जिंसों की ढुलाई से अर्जित करती है।
  • वैश्विक स्तर पर छाई सुस्ती से परिवहन क्षेत्र ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इससे रेलवे की माल ढुलाई आमदनी प्रभावित हुई है।

हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे ने अपनी कुल माल ढुलाई में बढ़ोतरी करने की दिशा में अच्छा प्रदर्शन किया है। रेल मंत्री समस्त हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा कर अपनी माल ढुलाई नीतियों में निरंतर परिवर्तन करने के साथ-साथ उन्हें तर्कसंगत भी बनाते रहे हैं, ताकि और ज्यादा माल ढुलाई को रेलवे की ओर आकर्षित किया जा सके। इन बदलावों के लिए भारतीय रेलवे ने यातायात संबंधी नीतियां बनाने हेतु बाजार उन्मुख अवधारणा अपनाई है। माल ढुलाई नीति में किये गये ये उल्लेखनीय सुधार बजट में की गई घोषणाओं के अनुरूप ही हैं।

माल ढुलाई में बेहतरी होने पर सभी विजेता साबित होंगे, चाहे वह रेलवे हो अथवा उपभोक्ता या समस्त परितंत्र। डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन की अवधारणा एक अच्छा आइडिया है, क्योंकि इससे समय की बचत होगी और इसके साथ ही यह किफायती भी होगी। इसी तरह प्रदूषण, जन स्वास्थ्य और त्वरित परिवहन के दृष्टिकोण से रो-रो सेवाओं की अवधारणा भी अत्यंत उपयोगी है। हाल ही में रेल मंत्रालय ने गैर-किराया राजस्व के साथ-साथ ईंधन की लागत बचाने की दिशा में भी विभिन्न कदम उठाये हैं। रेलवे ने ऊर्जा के मोर्चे पर अगले 10 वर्षों में 41,000 करोड़ रुपये की बचत करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही रेलवे ने विस्तारीकरण और क्षमता वृद्धि की व्यापक योजना शुरू की है।।                   

प्रमुख माल ढुलाई कदमों की मुख्य विशेषताएं*:----                             -

रोल-ऑन रोल-ऑफ (रो-रो):-              

  •  2016-17 के रेल बजट में रेल मंत्री ने यह घोषणा की है कि या तो कन्टेनरीकरण अथवा नये वितरण मॉडलों के जरिये माल ढुलाई के बास्केट को बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना विकसित एवं क्रियान्वित की जायेगी।
  • ‘रोल-ऑन रोल-ऑफइसी तरह का एक नया वितरण मॉडल है जो मल्टी मोडल परिवहन सेवाएं उपलब्ध करा सकता है।
  • रो-रो सेवाओं का शुभारंभ कोंकण रेलवे पर हुआ था और बाद में ईसीआर एवं एनएफआर में भी इसे पिछले वर्ष सफलतापूर्वक शुरू किया गया था।
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हरित परिवहन के लिए पॉयलट परियोजना इसी तरह की अगली ऐसी सेवा है जिसका शुभारंभ आज भारतीय रेलवे में किया जा रहा है।
  • एनसीआर में 127 प्रवेश/निकासी स्थल हैं। इस क्षेत्र में अवस्थित 9 प्रमुख प्रवेश/निकासी स्थलों से 75 प्रतिशत हल्के वाणिज्यिक वाहन और भारी ट्रक गुजरते हैं।
  • प्रतिदिन लगभग 66,000 ट्रक दिल्ली में प्रवेश करते हैं। इनमें से लगभग 38 प्रतिशत अथवा 25,000 ट्रकों की गिनती भारी ट्रकों में होती है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत अर्थात 15,000 ट्रक दिल्ली आगमन के लिए निर्दिष्ट नहीं होते हैं।
  • इस मॉडल के तहत ट्रकों की आवाजाही दिन के समय भी हो सकती है, जिन पर पहले प्रात: 7 बजे से लेकर रात्रि 11 बजे तक पाबंदी लगी हुई थी।
  • प्रवेश स्थलों पर लगने वाली लंबी-लंबी लाइनें छोटी हो जायेंगी जिससे समय की बचत होगी और इसके साथ ही रो-रो सेवा के परिचालन के दौरान ट्रक ड्राइवरों को पर्याप्त आराम भी मिल सकेगा

 इस मॉडल से पूरे एनसीआर में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वायु प्रदूषण में काफी कमी आयेगी।
- रो-रो सेवाओं से इन भारी और हल्के वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

 रो-रो सेवाओं के तहत इन वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली के बाहर स्थित रेलवे टर्मिनलों/पीएफटी पर रेलवे के फ्लैट वैगनों में लादा जायेगा और फिर उसके बाद शहर से होते हुए उन्हें दिल्ली की सीमा से बाहर वैगनों से नीचे उतार दिया जायेगा। इसका उद्देश्य दिल्ली में भीड़भाड़ कम करना है।                                  

 --- ट्रक ऑपरेटरों को लाभ :--                

  • पारगमन समय में 8-10 घंटे की बचत होने की आशा है क्योंकि दिन के समय किसी भी वाणिज्यिक वाहन को एनसीआर के अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं है।                                   
  • (ईसीसी) की बचत - लगभग 1400-2600 रुपये                               
  • दिल्ली में प्रवेश करने के लिए टोल टेक्स की बचत लगभग 500-900 रुपये
    ईंधन की बचत होगी और इसके साथ ही आने-जाने में कम समय लगेगा।।             

 * समुदाय को लाभ*:---                       

  • एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी
  • की सड़कों पर भीड़-भाड़ में कमी
  • दुर्घटनाओं में कमी
  • से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी इस लिहाज से परिवहन के समस्त साधनों में रेलवे का प्रदर्शन सबसे अच्छा है।।                         

  *रेलवे को लाभ*:--                             

  1. अतिरिक्त यातायात।                            
  2.  एक नया मॉडल, जिसमें सड़कों पर आवाजाही के साथ अनुकूलता की परिकल्पना की गई है। इसके साथ ही हरित परिवहन के जरिये प्रमुख महानगरों में प्रदूषण घटाने के राष्ट्रीय प्रयासों में भारतीय रेलवे की भागीदारी सुनिश्चित होगी।                                               
  3. परिचालन के दौरान प्रमाणित कार्बन क्रेडिट भी अर्जित करेगी।।                      

*परीक्षण परिचालन*:--                         

  • एनसीआर में गढ़ी हरसरु से मुराद नगर तक प्रथम पॉयलट परियोजना को 2 मार्च, 2017 को पटेल नगर से झंडी दिखाकर रवाना किया जा रहा है।।         

 

 दीर्घकालिक शुल्क (टैरिफ) अनुबंध/समझौते*  :--रेल बजट 2016-17 में रेल मंत्री द्वारा की गई घोषणा पर अमल करते हुए पूर्व निर्धारित मूल्य वृद्धि सिद्धांत का उपयोग करके रेलवे के प्रमुख माल ढुलाई उपभोक्ताओं के साथ दीर्घकालिक शुल्क समझौते/ अनुबंध करने की नीति का शुभारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
*  उद्देश्य*--
पूर्व निर्धारित मूल्य वृद्धि सिद्धांत के अनुसार उपभोक्ताओं की ओर से दीर्घकालिक सकल माल ढुलाई राजस्व (न्यूनतम गारंटी मात्रा के अनुरूप) संबंधी प्रतिबद्धताएं हासिल करना।
*  नीति की मुख्य बातें ये हैं**:--

  1. यातायात की न्यूनतम गारंटी मात्रा मुहैया कराने की प्रतिबद्धता के बदले में सकल माल ढुलाई राजस्व में वृद्धिपरक विकास के आधार पर न्यूनतम गारंटी मात्रा से जुड़ी छूट मिलेगी।
    सकल माल ढुलाई राजस्व (जीएफआर) में वृद्धिपरक विकास के अनुसार 1.5 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक डिस्काउंट।

लाभार्थी*:-- प्रमुख उपभोक्ता जैसे कि सीमेंट, उर्वरक, इस्पात उद्योग इत्यादि
लाभ:-- उपभोक्ताओं के लिए दीर्घकालिक शुल्क/माल भाड़ा दरों में स्थिरता एवं निश्चितता                                             

*  डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनरों का परीक्षण परिचालन :----                         

  • रेल बजट 2016-17 में रेल मंत्री ने घोषणा की है कि माल ढुलाई के बास्केट के विस्तारीकरण और या तो कंटेनरीकरण अथवा नये वितरण मॉडलों के जरिये यातायात को फिर से हासिल करने के लिए एक कार्य योजना विकसित एवं क्रियान्वित की जायेगी।
  •  डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन कुछ इसी तरह का अभिनव वितरण मॉडल है।
  • * मुख्य बात* :--डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनरों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे ज्यादा वहन क्षमता के साथ अधिकतम प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए वायर के नीचे 6 फीट 4 इंच की ऊंचाई पर अपना परिचालन कर सकेंगे।।                         
  • * लाभ*  :---प्रति इकाई ढुलाई लागत घट जायेगी। कम भार- मात्रा अनुपात वाली जिंसों के लिए लाभप्रद।                                  
  • आरंभिक वर्ष में लगभग 3 मिलियन टन का अतिरिक्त यातायात आकर्षित करने की संभावना।।                             

*  भारतीय रेलवे की व्यवसाय योजना 2017-18  :----                                   - -
रेल यात्रियों की यात्रा को और सुखद बनाने के साथ-साथ भारतीय रेलवे के माल ढुलाई व्यवसाय को हमारे उपभोक्ताओं की जरूरतों के और अनुरूप बनाने के हमारे अथक प्रयासों के तहत ही व्यवसाय योजना 2017-18 शुरू की गई है।।                                   

व्यवसाय योजना 2017-18 की मुख्य बातें*:---

  1. माल ढुलाई खंड*:- विभिन्न कदमों जैसे कि हितधारकों के साथ भागीदारी के जरिए रेलवे के माल गोदामों को बेहतर करते हुए वितरण प्रणाली का उन्नयन करना।
  2. यात्री खंड :- कैशलेस, पेपरलेस टिकटिंग (वर्ष 2017-18 में 6000 पीओएस मशीनें एवं 1000 टिकट वेंडिंग मशीनें), ‘आधारपर आधारित टिकटिंग और मई 2017 तक एक एकीकृत टिकटिंग एप को अपनाते हुए टिकट व्यवस्था में बदलाव लाना।
  3. नये व्यावसायिक अवसर*:-डाक विभाग के साथ नई भागीदारी के जरिये पार्सल व्यवसाय को बढ़ाना, ताकि पार्सल यातायात में सम्पूर्ण सोल्यूशन मुहैया कराया जा सके। इसके साथ ही बेहतर बुकिंग व्यवस्था के लिए आईटी से लाभ उठाना

साभार : विशनाराम माली 

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