सुगम्य भारत अभियान (एआईसी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का राष्ट्रव्यापी महत्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य देशभर में दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित और सुखद वातावरण तैयार करना है। इस अभियान का शुभारंभ 03 दिसम्बर, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
- यह अभियान विकलांगता के सामाजिक मॉडल के उस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी व्यक्ति की सीमाओं और अक्षमताओं के कारण नहीं बल्कि सामाजिक व्यवस्था के तरीके के कारण विकलांगता है। शारीरिक, सामाजिक, संरचनात्मक और व्यवहार संबंधी बाधाएं सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों में दिव्यांगजनों को समान रूप से भागीदारी करने से रोकती हैं। बाधारहित वातावरण से दिव्यांगजनों के लिये सभी गतिविधियों में समान प्रतिभागिता की सुविधा होगी और इससे स्वतंत्र और सम्मानजनक तरीके से जीवन जीने के लिये उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। इस अभियान में एक समावेशी समाज बनाने का दृष्टिकोण है जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों की प्रगति और विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध हों ताकि वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्यापक पहुंच की सुविधा के लिए इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: वातावरण तैयार करना, परिवहन और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पारिस्थितिकी तंत्र।
- सुगम्य भारत अभियान के सुगम्य वातावरण निर्मित करने के कारक में निम्नलिखित लक्ष्य निहित है :
- i)50 शहरों में कम से कम 25 से 50 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी भवनों का सुगम्यता ऑडिट पूरा करना और इस वर्ष के अंत तक उन्हें पूरी तरह से सुगम्य बनाना।
- ii) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और सभी राज्यों की राजधानियों के सभी सरकारी भवनों में से 50 प्रतिशत भवनों को दिसम्बर 2018 तक पूरी तरह से सुगम्य बनाना।
- iii) दिसम्बर 2019 तक राज्यों के उन दस सबसे महत्वपूर्ण शहरों/कस्बों के सरकारी भवनों का 50 प्रतिशत सुगम्यता ऑडिट पूरा करना और उन्हें सुगम्य बनाना है जो (1) और (2) में कवर नहीं किए गए।
- सुगम्य भारत अभियान के परिवहन सुगमता के कारक का उद्देश्य सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को तत्काल और मार्च 2018 तक घरेलू हवाई अड्डों को पूरी तरह से सुगम्य बनाना है। 32 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों में से 25 में रैंप, सुगम्य शौचालय, ब्रेल लिपि के साथ लिफ्ट और श्रवण संकेत जैसी सुगम्यता की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
- हमारे देश में परिवहन का सबसे लोकप्रिय साधन रेल है। विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक को सुगम्य बनाने के लिए सभी ए-1, ए और बी श्रेणी के रेलवे स्टेशनों को पूरी तरह से सुगम्य बनाया जायेगा।
- सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत विभाग का उद्देश्य मार्च 2018 तक सरकारी स्वामित्व के 10 प्रतिशत सार्वजनिक परिवहन वाहक को पूरी तरह से सुगम्य बनाना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य स्वामित्व के राज्य तथा कार्यकारी निदेशकों को मार्च, 2018 तक सरकारी स्वामित्व वाले 10 प्रतिशत सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से सुगम्य बनाने के निर्देश जारी किए हैं।
- सूचना और संचार प्रणाली की सुगम्यता, सुगम्य भारत अभियान का एक और महत्वपूर्ण स्तंभ है। इस कारक के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारों की कम से कम 50 प्रतिशत वेबसाइटों को मार्च, 2017 तक सुगम्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- राज्य सरकार की 917 वेबसाइटों को सुगम्य बनाने के लिए आदेश पहले से ही दे दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 56 मंत्रालयों/विभागों की 100 सरकारी वेबसाइटों को सुगम्य बनाया जा रहा है।
- विभाग ने ‘’व्यापक सुगम्यता’’ हासिल करने के लिए दिव्यांगजनों के लिए एक ऑनलाइन ‘’सुगम्य पुस्तकालय’’ का शुभारंभ किया है। विभाग ने सुगम्य भारत अभियान के विभिन्न दृष्टिकोणों की जानकारी प्रदान करने के लिए मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और रांची में जागरूकता कार्यशालाएं भी आयोजित की हैं।
- सुगम्यता के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 24 जुलाई 2016 को इंडिया गेट, लोधी गार्डन, वसंत कुंज और साउथ एक्स्टेंशन में एक मोटरसाइकिल रैली- ‘राइड 4 एक्ससेसिबिलिटी’ आयोजित की गई थी जिसमें 600 से अधिक मोटर साइकिल चालकों और 6,000 युवा/छात्रों ने भाग लिया था।
- डिजिटल जगत में स्थान बनाने के लिए विभाग ब्लॉग्स, रिपोर्ट, सीधे प्रसारण और चित्र आदि के जरिये सोशल मीडिया पर सुगम्य भारत अभियान के बारे में नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करा रहा है।
साभार :विशनाराम माली