स्वच्छ भारत मिशन अपनी तीसरी वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा है। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने ग्रामीण भारत में मिशन की प्रगति का जायजा लेने के लिए तृतीय पक्ष जांच सर्वेक्षण रिपोर्ट लांच की। भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण स्वच्छता की वर्तमान स्थ्िति का एक पारदर्शी तृतीय पक्ष मूल्यांकन किया है। इसका नाम स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2017 है।
स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2017
- स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2017 के अंतर्गत, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने 4626 गांवों में 1.4 लाख ग्रामीण घरों का सर्वेक्षण किया और कुल 62.45 प्रतिशत को शौचालय युक्त पाया।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की सूचना प्रबंधन प्रणाली (एमआईएस) ने मई-जून
- 2017 के सर्वेक्षण के समय कुल 63.73 प्रतिशत क्षेत्र के शौचालय युक्त होने की जानकारी दी। सर्वेक्षण से यह भी पाया गया कि 91.29 प्रतिशत लोगों की शौचालय तक पहुंच है और लोग इसका उपयोग करते हैं।
- सभी राज्यों और जिलों को स्वच्छता और ठोस द्रवीय कचरा प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) को बेहतर बनाने व प्रोत्साहित करने के लिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (एमडीडब्ल्यूएस) प्रत्येक तिमाही में एसबीएम-जी आईएमआईएस पर उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर भारत के सभी जिलों की रैंकिंग आरंभ करेगा।
- यह रैंकिंग प्रदर्शन, स्थायित्व और पारदर्शिताके पैमानों पर आधारित होगी और जुलाई-सितंबर 2017 की तिमाही की पहली रैंकिंग घोषणा 2 अक्तूबर, 2017 को की जाएगी। जिलों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने के लिए उनको इस रैंकिंग के आधार पर प्रत्येक तिमाही में पुरस्कार भी प्रदान किये जाएंगे। इस रैंकिंग की गणना करने का सूत्र यह होगा: